वैसे तो रेल पटरियां ट्रेनों के गुजरने के लिए होती हैं, लेकिन मार्बल सिटी मकराना में रहने वाले 300 से अधिक लोगों को इन्हीं पटरियों से होकर गुजरना पड़ रहा है। यहां मौजूद राजयकीय बालिका आवासीय विद्यालय जाने के लिए भी रेट पटरियां पार करनी पड़ती हैं। लोग कई साल से बस्ती के लिए रास्ते की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी यह मांग अब तक पूरी नहीं हो सकी है। नतीजा अब लोगों को रेल पटरियों पर बैठकर धरना देना पड़ रहा है।
दरअसल, मकराना के कच्ची फाटक के पास एक बस्ती और राजकीय बालिका आवासीय विद्यालय है। इस बस्ती को बसे हुए कई साल हो गए हैं, यहां बने करीब 50 घरों में 300 लोग रह रहे हैं। इसकी बसाहट के समय केवल एक ओर जयपुर-जोधपुर रेल लाइन मौजूद थी, लेकिन कुछ साल पहले बस्ती के दूसरी ओर मकराना-परबतसर रेल लाइन बिछा दी गई। इससे बस्ती दोनों ओर से पटरियों के बीच कैद हो गई। दूसरी लाइन बिछाने के दौरान लोगों ने इसका विरोध भी किया, लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी। उसके बाद से यहां के लोग रास्ते की मांग करते चले आ रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।