उत्तराखंड कितना है तैयार? जांच की रफ्तार बढ़ाने के लिए स्टाफ की दरकार

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स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग में लैब टेक्नीशियनों की कमी है। ऐसे में कोविड सैंपलों की जांच बढ़ाने की विभाग के सामने एक चुनौती है। हालांकि पहले की तुलना में प्रदेश में कोविड जांच में बढ़ोतरी हुई है। मेडिकल कालेज में लैब टेक्नीशियनों के 329 खाली पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है।

प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग का सैंपलिंग बढ़ाने पर फोकस है। वर्तमान में 11 सरकारी और 26 निजी पैथोलॉजी प्रयोगशाला में कोविड आरटीपीसीआर जांच की जा रही है। लेकिन सरकारी कोविड लैब में सैंपल जांच का दबाव है। इसके अलावा प्रदेश की सीमाओं, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन पर बाहर से आने वाले लोगों की कोविड जांच बढ़ाने के लिए लैब टेक्नीशियनों की कमी है।कोविड सैंपल जांच की रिपोर्ट 24 घंटे के बाद मिल रही है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि कोविड जांच के लिए सभी जिलाधिकारियों, सीएमओ और मेडिकल कालेजों के प्राचार्यों को आवश्यकता के अनुसार टेक्नीशियन रखने के लिए अधिकार दिए हैं। यदि किसी जिले में लैब टेक्नीशियन की जरूरत है तो उन्हें आउटसोर्स के माध्यम से रखा जा सकता है।कोविड महामारी को देखते हुए पूर्व में भी एक साल के लिए आउटसोर्स पर लैब टेक्नीशियन रखे गए थे। जिनकी सेवाओं को मार्च 2022 तक बढ़ाया गया है। कोविड जांच के लिए किसी जिले में लैब टेक्नीशियनों की कमी है तो सीएमओ के माध्यम से शासन को मांग भेजी जा सकती है। चुनाव आयोग से अनुमति लेकर लैब टेक्नीशियनों को बढ़ाया जा सकता है।

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