टीएमसी नेता की मांग: नेताजी को घोषित किया जाए देश का पहला प्रधानमंत्री,

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पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता कुणाल घोष ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस को देश के पहले प्रधानमंत्री के रूप में मान्यता देनी चाहिए। घोष ने कहा कि नेताजी ने अक्तूबर 1943 में गठित स्वतंत्र भारत की अनंतिम सरकार का नेतृत्व किया था। घोष ने पश्चिम बंगाल शिक्षा विभाग से भी अनुरोध किया कि आजाद हिंद फौज के गठन से संबंधित कार्यक्रम स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किए जाएं।
टीएमसी के प्रदेश महासचिव घोष ने कहा कि एक प्रतिमा की स्थापना करना सच्ची श्रद्धांजलि नहीं है। नेताजी को सच्ची श्रद्धांजलि उनसे संबंधित सभी फाइलें और जापान के रेनकोजी मंदिर में रखी राख के डीएनए विश्लेषण को सार्वजनिक करके तथा उन्हें देश के पहले प्रधानमंत्री के रूप में मान्यता देना होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नेताजी की 125वीं जयंती के अवसर पर दिल्ली में इंडिया गेट पर उनकी होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया था।घोष ने कहा कि आजाद हिंद फौज को नौ देशों ने मान्यता दी थी जिनके इसके साथ राजनयिक संबंध थे। नेताजी युद्ध एवं विदेश मामलों के मंत्रालय के प्रभारी भी थे। उन्होंने कहा कि नेताजी को पहला प्रधानमंत्री घोषित करना केंद्र सरकार के हाथ में है। लेकिन, मैं राज्य के शिक्षा विभाग से अनुरोध करता हूं कि वह आगे आएं, देश की पहली स्वतंत्र सरकार के एलान की घटनाओं, जिम्मेदारियों के वितरण और अंतरराष्ट्रीय मान्यता को पाठ्यक्रम में शामिल करें।स्वतंत्रता संग्राम के महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती रविवार को पूरे देश में धूमधाम से मनाई गई थी। प्रधानमंत्री ने दिल्ली में जिस होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया उसके स्थान पर बाद में ग्रेनाइट से बनी प्रतिमा लगाई जाएगी। केंद्र सरकार ने नेताजी की जयंती को अब से ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने का एलान किया है। इसके साथ ही यह घोषणा भी की गई है कि अब से गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत 23 जनवरी से हुआ करेगी।

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