दिल्ली में कोरोना संक्रमण और दैनिक मामलों में लगातार गिरावट आ रही है लेकिन संक्रमित रोगियों की मौतें कम नहीं हुई हैं। दिल्ली सरकार के अनुसार जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं ली है या फिर जिन्हें पहले से सहायक रोग है उनकी हालत सबसे अधिक गंभीर बन रही है और इस वर्ग में मृत्युदर 70 फीसदी तक दर्ज किया जा रहा है। यह स्थिति तब है जब दिल्ली पिछले साल दिसंबर माह में ही एकल खुराक का टीकाकरण 100 फीसदी पार कर चुकी है। ऐसे में स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी सवाल उठा रहे हैं कि 100 फीसदी टीकाकरण का लक्ष्य हासिल करने वाली दिल्ली में बगैर वैक्सीन लेने वाले कहां से सामने आ रहे हैं?
जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. दिव्येंदु दास का कहना है कि दिल्ली में अभी कोरोना की पांचवीं लहर चल रही है। इस लहर के आंकड़े देखें तो अब तक अस्पतालों में 800 से ज्यादा मौतें दर्ज हुई हैं। इसमें हर आयुवर्ग के लोग शामिल हैं। उन्होंने बताया कि लहर शुरू होने से पहले ही दिल्ली सरकार ने एकल खुराक का टीकाकरण 100 फीसदी पूरा होने का दावा किया था। वहीं 85 फीसदी से भी अधिक आबादी को दूसरी खुराक भी दी जा चुकी है। फिर भी मौत कम नहीं हो रही हैं। कोविन वेबसाइट से मिले आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में अब तक 2.96 करोड़ से अधिक टीकाकरण हुआ है। अब तक 1.70 करोड़ कुल व्यस्क आबादी को वैक्सीन की एक खुराक दी जा चुकी है। वहीं इनमें से 1.23 करोड़ लोग दूसरी खुराक लेकर टीकाकरण भी पूरा कर चुके हैं। दिल्ली स्वास्थ्य विभाग की एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि जब टीकाकरण शुरू हुआ तो उस दौरान एक अनुमानित संख्या लेकर लक्ष्य तय किया गया था। टीकाकरण से पहले अनुमान था कि राजधानी में 18 वर्ष या फिर उससे अधिक आयु की कुल आबादी 1.50 करोड़ होगी लेकिन वर्तमान में टीकाकरण 1.70 करोड़ से अधिक हो चुका है। इससे पता चलता है कि दिल्ली में अभी भी व्यस्क आबादी वैक्सीन से दूर है जिन्हें जल्द से जल्द खुराक लेनी चाहिए। हर घर दस्तक अभियान के जरिए विभागीय टीमें ऐसे लोगों की तलाश में जुटी हुई हैं।