पिछले करीब 22 माह से लद्दाख में गतिरोध जारी है। दोनों देशों की 50 से 60 हजार सेनाएं इलाके में तैनात हैं। भारत-चीन के बीच उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता का ताजा दौर करीब दो माह बाद हो रहा है। इससे पूर्व हुई वार्ता का कोई बड़ा नतीजा नहीं निकला था। पूर्वी लद्दाख के कुछ क्षेत्रों को लेकर दोनों देशों के बीच मतभेद कायम हैं। 15 वें दौर की वार्ता चुशुल मोल्डो में शुक्रवार सुबह 10 बजे शुरू हुई।
बातचीत से जुड़े सूत्रों ने बताया कि चर्चा का मुख्य विषय हॉट स्प्रिंग्स पाइंट (Patrolling Point-15) से सेना की वापसी की रुकी प्रक्रिया को पूरा करना रहेगा। वार्ता में शामिल भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित सेना की 14 वीं कोर के नवनियुक्त कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता कर रहे हैं। उम्मीद है कि भारतीय पक्ष देपसांग बुलगे और डेमचोक इलाकों समेत तनाव वाले सभी क्षेत्रों सेना की वापसी पर जोर देगा।
इससे पहले 12 जनवरी को 14 वें दौर की वार्ता हुई थी। इसमें बचे इलाकों से सेना की वापसी को लेकर कोई अहम सहमति नहीं बनी थी। 14वें दौर की वार्ता के बाद भारत-चीन ने साझा बयान में कहा था कि दोनों पक्ष निकट संपर्क में रह कर सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत बनाए रखेंगे। बकाया मुद्दों का परस्पर स्वीकार्य हल के लिए जल्द से जल्द काम करेंगे।