उत्तर प्रदेश में दूसरी लहर के दौरान कोरोना वायरस ज्यादा आक्रामक रहा। फेफड़े के साथ मरीजों के अन्य अंग भी प्रभावित हुए। इसी वजह से 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले मरीजों में से ज्यादातर की मौत कई अंगों के फेल होने से हुई। इसका खुलासा डेथ ऑडिट के दौरान हुआ है।
ऑडिट टीम से जुड़े सूत्रों का कहना है कि दूसरी लहर में वायरस के नए स्ट्रेन ने एक साथ कई अंगों पर हमला किया। इससे कम समय में मरीज अति गंभीर हो गए। दूरदराज के जिलों से जिन मरीजों को केजीएमयू, पीजीआई और लोहिया संस्थान रेफर किया गया, उनकी हालत ज्यादा खराब हो गई। इससे उन्हें बचाना मुश्किल हुआ।
गौरतलब है कि प्रदेश में कोरोना का पहला मरीज फरवरी 2020 में मिला था, जिसे दिल्ली में भर्ती कराया गया। इसके बाद 11 मार्च को कनाडा से लखनऊ आई एक महिला में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई। उसे केजीएमयू में भर्ती किया गया। पर, जनवरी 2021 तक प्रदेश में 5.93 लाख लोग वायरस की चपेट में आए गए। इनमें से 8504 लोगों की मौत हो गई। इस दौरान संक्रमितों की अपेक्षा मृत्युदर 1.4 फीसदी थी। इसमें 80 फीसदी लोग 60 साल से अधिक उम्र वाले थे। ज्यादातर के फेफड़े में गंभीर संक्रमण था।