INS अरिहंत है तैयार,अब समुद्र से भी परमाणु हमला कर सकेगा भारत

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अपनी सैन्य क्षमता को मजबूत करने में लगा भारत एक बड़ी कामयाबी हासिल करने के करीब है। खबर है कि पानी से परमाणु हमला करने में सक्षम पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत बनकर तैयार है! जमीन, हवा और समुद्र से परमाणु हमला करने की क्षमता को हासिल करने के लिए भारत लंबे समय से प्रतीक्षारत था।

हालांकि भारत परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम अग्नि बैलिस्टिक मिसाइल और लड़ाकू विमानों को सैन्‍य बेड़े में पहले ही शामिल कर चुका है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक देश की पहली स्वदेश-निर्मित परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत का दिसंबर 2014 से समुद्री परीक्षण चल रहा था। यह पनडुब्‍बी 83 मेगावाट प्रेशराइज्‍ड लाइट वाटर रिएक्‍टर पर काम करती है।

लगभग 3500 किमी तक हमला करने में सक्षम

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आईएनएस अरिहंत पनडुब्बी 750 किलोमीटर से 3500 किलोमीटर की दूरी तक परमाणु हमला करने में सक्षम है। हालांकि रूस, चीन और अमेरिका की तुलना में यह क्षमता कम है। इन देशों के पास 5000 किलोमीटर तक मार करने वाली सबमरीन लॉन्‍च्ड बैलिस्टिक मिसाइलें (एसएलबीएम) हैं।

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आईएनएस अरिहंत भारतीय नौसेना के लिए बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। यह पनुडुब्बी बिना डिटेक्ट हुए दुश्मन पर हमला कर सकती है। यह अब तक की सबसे प्रभावी पनुडुब्बी मानी जा रही है। आईएनएस अरिहंत का वजन 6 हजार टन है।

हालांकि रक्षा मंत्रालय और नेवी ने इस बारे में कोई भी जानकारी देने से मना किया है। उनका कहना है कि यह एक रणनीतिक प्रोजेक्ट है और इस पर प्रधानमंत्री कार्यालय की सीधी नजर है। माना जा रहा है कि आईएनएस अरिहंत को सेना में शामिल करने में थोड़ा वक्त लगेगा।

कलाम के नाम पर मिसाइलों के नाम

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आईएनएस अरिहंत को ट्रायल के दौरान सभी तरह के परीक्षण से गुजारा गया, ताकि पानी में यह एक अहम हथियार साबित हो। हालांकि ‘के’ सीरीज की सबमरीन लॉन्‍च्ड बैलिस्टिक मिसाइलों को पूरी तरह से इसमें लगाने में वक्‍त लगेगा। बता दें कि ‘के’ सीरीज की मिसाइलों का नाम पूर्व राष्‍ट्रपति एपीजे अब्‍दुल कलाम पर रखा गया है।

के-15 एसएलबीएम की रेंज 750 किलोमीटर तक है, जबकि के-4, 3500 किलोमीटर तक जा सकती है। कई दशकों पहले शुरू किए गए गोपनीय एडवांस्‍ड टेक्‍नोलॉजी वेसेल कार्यक्रम के तहत बनाई जाने वाली तीन पनडुब्बियों में से सबसे पहले बनाई जाने वाली पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत है।

इसके साथ ही आईएनएस अरिदमन और एक अन्‍य पनडुब्‍बी का निर्माण भी हो रहा है। अरिदमन लगभग बनकर तैयार है और साल 2018 तक इसके मिलने की उम्‍मीद है। पाकिस्तान और चीन से सुरक्षा खतरे को देखते हुए आईएनएस अरिहंत भारत के लिए बड़ी ताकत मानी जा रही है

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