सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सहारा चिटफंड मामले की सुनवाई करते हुए उसके मुंबई स्थित ऐम्बी वैली टाउनशिप प्रॉजेक्ट को जब्त किए जाने का आदेश दिया। अदालत ने सहारा ग्रुप से कहा कि वह अपनी ऐसी संपत्तियों की सूची सौंपे, जिन पर किसी तरह का कर्ज नहीं लिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन संपत्तियों की नीलामी कर लोगों के पैसों की वसूली की जाएगी और उसे जनता को दिया जाएगा। अदालत ने 14,799 करोड़ के बकाये के मामले की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है।
इसका अर्थ यह हुआ कि सहारा का ऐम्बी वैली प्रॉजेक्ट बकाया वसूली तक सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में होगा और वसूली के बाद समूह को सौंप दिया जाएगा। सहारा समूह ने बकाया राशि को जुलाई, 2019 तक चुकाने की बात कही, लेकिन जस्टिस दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली बेंच ने तेज रिकवरी के लिए ऐम्बी वैली प्रॉजेक्ट को ही जब्त करने का आदेश दिया।
हालांकि समूह के मुखिया सुब्रत रॉय संपत्तियों की सूची सौंपे जाने तक परोल पर जेल से बाहर रहेंगे। कोर्ट इस मामले में 27 फरवरी को अगली सुनवाई करेगा। अदालत में सुनवाई के दौरान सहारा समूह ने स्वीकार किया कि उसे 14,000 करोड़ रुपये का मूलधन सेबी को चुकाने थे, जिसमें से 11,000 करोड़ रुपये उसने अब तक चुका दिए हैं।