यमुना एक्सप्रेसवे पर रविवार शाम को एक स्विफ्ट डिजायर कार 182 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ी। ट्रैफिक पुलिस ने इसकी जानकारी की तो पता चला कि यह लखनऊ के इंद्रापुरम के निष्कर्ष मिश्रा के नाम पर रजिस्टर्ड है। ओवरस्पीड का चालान काटा गया है। इससे पहले रविवार को ही एक कार 165 की रफ्तार से दौड़ी। यह हाल तब है, जब आठ जुलाई को ओवरस्पीड और चालक की झपकी के कारण रोडवेज बस झरना नाला में गिर गई थी, जिसमें 29 यात्रियों की मौत हो गई थी।
रविवार को ही ट्रैफिक पुलिस ने ओवरस्पीड के 48 चालान काटे। हालांकि, तूफानी रफ्तार से दौड़ी गाड़ियों की संख्या कहीं ज्यादा है। ये चालान तो सिर्फ खंदौली टोल प्लाजा के हैं। रोजाना 1000 से ज्यादा गाड़ियां ओवरस्पीड पाई जा रही हैं।
11 दिन में 1171 चालान काटे
स्थिति यह भी है कि लोग ट्रैफिक के नियमों का पालन नहीं कर रहे। रविवार को 54 लोगों ने कार में सीट बेल्ट भी नहीं लगा रखी थी। ट्रैफिक पुलिस ने कुल 115 चालान काटे। 11 दिन में 1171 ई चालान सिर्फ एक टोल पर काटे जा चुके हैं। कारों के लिए निर्धारित गति सीमा अधिकतम 100 किमी. प्रति घंटा और बस तथा ट्रक के लिए 60 किमी. प्रति घंटा है।
सीट बेल्ट न लगाना : 500 रुपये
ओवरस्पीड : दो से ढाई हजार रुपये
ओवरहाइट ट्रक : पांच हजार रुपये
हेलमेट न लगाना : पांच सौ रुपये
202 किमी प्रति घंटा तक दौड़ाई जा चुकी कार
एक्सप्रेस वे पर पिछले साल एक ऑडी की रफ्तार 202 किमी. प्रति घंटा दर्ज की गई थी। कई गाड़ियां 190 से 200 किमी. प्रति घंटा दौड़ती दर्ज की जा चुकी है। बस और ट्रक 130-140 किमी. तक दौड़ रहे हैं।