मैंने हजारो शांतिदूतो को एक बात कहते देखा है .. नक्सलीयों और माओवादीयो को मीडिया और लोग हिन्दू आतंकी क्यों नही कहते ?
करीब दो साल पहले अहमदाबाद के सरखेज रोजा [मस्जिद] में एक बड़े मुस्लिम धर्मगुरु आये थे .. एक मुस्लिम मित्र से रिक्वेस्ट किया की मुझे भी एक जालीदार टोपी दो मै भी सुनूँ ये मौलवी क्या तकरीरे देते है .. वो दोस्त यूपी के आजमगढ़ का था .. और आटोमोबाइल का बड़ा कारोबारी था .. उसने मेरी रिक्वेस्ट मान ली ..
मौलवी देवबंदी थे ..उन्होंने एक घंटे सिर्फ इसी बात को समझाया की ये नक्सली भी तो हिन्दू है .. ये माओवादी भी तो हिन्दू है .. तो जब कश्मीर में एक मुस्लिम कोई हमला करता है तो मीडिया कहती है इस्लामिक आतंकी ने हमला किया .. फिर जब नक्सली हमला करता है तो मीडिया ये क्यों नही कहती की हिन्दू आतंकियों ने हमला किया .. मौलवी खूब जोर लगा लगाकर चिल्लाकर बोल रहे थे .. नीचे बैठे मुर्ख खूब खुश होकर हां में हां मिला रहे थे ..
अब सोचिये ये मौलवी घूम घूमकर कैसे मुस्लिमो को गुमराह करते है और उन्हें बरगलाते है ..
ये नक्सली और माओवादी वामपंथी है जो चीन के नेता माओत्से तुंग के अनुयायी है .. वामपंथ किसी धर्म को नही मानता ..
१- माओवादी या नक्सली भारत में हिन्दू राष्ट्र के लिए नही लड़ रहे है .. जबकि मुस्लिम विश्व में दारुल उलूम यानी इस्लामिक राज्य की स्थापना के लिए लड़ रहे है
२- माओवादी या नक्सली कभी जय श्रीराम या हर हर महादेव का नारा नही लगाते .. जबकि हर मुस्लिम आतंकी “अल्लाह हु अकबर” यानी सिर्फ अल्लाह ही श्रेस्ठ है” का नारा लगाते है ..
३- सभी मुस्लिम आतंकी कुरआन से प्रभावित होकर आतंकी बनते है .. कोई भी नक्सली या माओवादी भागवत गीता या रामायण से प्रभावित होकर आतंकी नही बनता
४- मुस्लिम आतंकी मारकाट के पहले लोगो का धर्म पूछते है ..कुरान की आयते पूछते है .. फिर मुस्लिमो को बाइज्जत जाने देते है .. फिर गैर मुस्लिमो का कत्लेआम करते है .. कोई भी नक्सली या माओवादी भी लोगो से गीता के श्लोक या रामायण की चौपाई पूछकर किसी को नही मारता ..
५- मुस्लिम आतंकियों को साउदी अरब की सबसे ताकतवर परिवार यानी अब्दल बहाब परिवार जो बहाबी या सल्फी विचाधारा में मानते है ..जो ये मानता है की सिर्फ इस्लाम ही एकमात्र श्रेष्ठ धर्म है इसलिए इस धरती पर सिर्फ इस्लाम को मानने वाले ही रहने चाहिए .. सउदी के दोनों ताकतवर परिवार यानी किंग फ़हद और बहाब में समझौता हुआ है की एक परिवार राजनीती देखेगा और दूसरा परिवार धर्म और मक्का मदीना का कामकाज देखेगा .. और तेल के प्रति बैरेल पर दस डालर किंग फ़हद परिवार बहाब परिवार को देगा जो पैसा पुरे विश्व में इस्लाम के प्रचार प्रसार पर खर्च किये जायेंगे .. और ये बहाबी परिवार ही पुरे विश्व में मस्जिदे बनवाता है और आतंकियों को पैसा और हथियार मुहैया करवाता है ..
जबकि नक्सली या मओवादियो को कोई भी हिन्दू सन्गठन मदद नही करता ..उलटे कई नक्सली नेताओ ने स्वीकार किया है की उन्हें मुस्लिम आतंकियों से पैसा और हथियार मिलता है ..
लेखक- जितेंद्र प्रताप सिंह (वाल से साभारित)
यहाँ लेखको के विचार पूर्णत: निजी हैं , एवं केस लीक इसमें उल्लेखित बातों का न तो समर्थन करता है और न ही इसके पक्ष या विपक्ष में अपनी सहमति जाहिर करता है। इस लेख को लेकर अथवा इससे असहमति के विचारों का भी केस लीक स्वागत करता है । इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है। आप लेख एवं लेख पर अपनी प्रतिक्रिया [email protected] पर भेज सकते हैं। ब्लॉग पोस्ट के साथ अपना संक्षिप्त परिचय और फोटो भी भेजें।