लालगंज सीएचसी परिसर स्थित कोविड अस्पताल लेवल-1 में जिला प्रशासन ने तीस कोरोना संक्रमितों को भर्ती कराया है। मंगलवार की रात दस बजे के लगभग बारिश के दौरान कोविड अस्पताल की वायरिंग शार्ट सर्किट से जल गई।
इससे अस्पताल के छह कमरों में अंधेरा छा गया। यहां भर्ती कोरोना संक्रमित को उमस भरी गर्मी में रात बितानी पड़ी। अस्पताल की विद्युत आपूर्ति ठप होने से पानी की किल्लत भी हो गई। शौचालय में पानी खत्म होने से संक्रमितों को भारी परेशानी उठानी पड़ी। सुबह जानकारी होने पर अस्पताल प्रशासन ने आननफानन में विद्युत आपूर्ति बहाल कराने के लिए मिस्त्री बुलाया, लेकिन वायरिंग पूरी तरह जलने से खराबी दूर नहीं हो सकी।
बाहर से सबमर्सिबल का कनेक्शन कोविड अस्पताल की टंकी में कराया गया। अस्पताल में भर्ती मरीज विद्युत आपूर्ति बहाल नहीं होने से बुधवार को दिन में गर्मी से तड़पते रहे। घटना की जानकारी मिलने पर एसडीएम अस्पताल पहुंचे और अधीक्षक डॉ. अरविंद गुप्ता से मामले की जानकारी ली। एसडीएम व अधीक्षक घंटों कोविड अस्पताल के बाहर खड़े होकर वायरिंग ठीक होने की प्रतीक्षा करते रहे। शाम पांच बजे के करीब कोविड अस्पताल की पूरी वायरिंग बदलने के बाद विद्युत आपूर्ति बहाल हो सकी। बिजली आने के बाद उन्नीस घंटे से गर्मी में तड़प रहे कोरोना संक्रमितों ने राहत की सांस ली। अधीक्षक डॉ. अरविंद गुप्ता ने बताया कि वायरिंग ध्वस्त होने से आपूर्ति ठप हुई थी। नई वायरिंग कराने में अधिक समय लग गया। अब अस्पताल की विद्युत आपूर्ति बहाल हो गई है।
कोविड अस्पताल में नई वायरिंग करने के लिए पहले तो कोई इलेक्ट्रीशियन तैयार नहीं हुआ। बाद में किसी तरह एक एक इलेक्ट्रीशियन कोविड अस्पताल में मरीजों के बीच जाकर काम करने के लिए तैयार हुआ। अस्पताल में प्रवेश करने से पहले उसे पीपीई किट पहनाई गई। अस्पताल प्रशासन की ओर से पूरा प्रबंध किया गया कि अस्पताल में काम करने के दौरान इलेक्ट्रीशियन को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाया जा सके।