गंगा-यमुना के जलस्तर में वृद्धि जारी,

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बाढ़ की विभिषिका अपना असर दिखाने लगी है। निचले इलाके के सैकड़ों घर बाढ़ में डूब गए हैं और लोग अपनी पूरी गृहस्थी छोड़ने के लिए मजबूर होने लगे हैं।। इसकी वजह से शुक्रवार को दो राहत शिविर चालू कर दिए गए। रात आठ बजे तक इन शिविरों में 66 लोग पहुंच भी गए थे। 

चेतावनी बिंदु के करीब पहुंची गंगा-यमुना ने कछारी इलाके की दो दर्जन से अधिक बस्तियों को शुक्रवार को चपेट में ले लिया। बेली, चिल्ला और छोटा बघाड़ा कछार में सैकड़ों घरों में पानी घुस गया। प्रभावित पानी से घिरे दो मंजिला भवनों की छतों पर इससे प्रभावित परिवारों को घर छोड़ना पड़ा। नेवादा कछार में घर डूबने के बाद तीन दर्जन से अधिक लोगों ने छावनी क्षेत्र के ओल्ड कैंट हाईस्कूल के बाढ़ राहत शिविर में शरण ले ली। नदी की तलहटी में घर बनाने वाले लोग पानी से घिरने के बाद बर्तन, अनाज और बिस्तर लेकर सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने लगे हैं। शुक्रवार की रात आठ बजे फाफामऊ में गंगा खतरे के निशान से 1.35 और नैनी में यमुना खतरे के निशान से 1.55 मीटर नीचे बहती रहीं।बाढ़ग्रस्त इलाकों में राहत और बचाव के लिए प्रशासन ने मुनादी करानी शुरू कर दी है। ताकि समय रहते प्रभावित इलाके को खाली कराया जा सके और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके। पिछले 24 घंटे में गंगा और यमुना के जलस्तर में डेढ़ मीटर से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की गई है। इससे कछारी इलाकों में बाढ़ का दायरा तेजी से बढ़ता जा रहा है। शाम तक सैकड़ों घरों में पानी भर गया। जिस रफ्तार से जलस्तर बढ़ रहा है, उससे वह शनिवार गंगा-यमुना के डेंजर जोन में पहुंचने की आशंका है।हालात को देखते हुए देर शाम एनडीआरएफ लगा दी गई। साथ ही एसडीआरएफ के साथ ही पुलिस, पीएसी को भी सतर्क कर दिया गया। गंगा का जलस्तर बढ़ने से बेली कछार, गंगापुरी, नेवादा कछार, अशोक नगर कछार, दशाश्वमेध घाट, म्यौराबाद, जोंधवल, शंकरघाट,  बघाड़ा, सलोरी, राजापुर, ऊंचवागढ़ी, शिवकुटी, कैलाशपुरी कालोनी, चिल्ला कछार, नीवां, छतनाग, बदरा सोनौटी, हेतापट्टी, फाफामऊ समेत दो दर्जन से अधिक इलाकों में पानी घुस गया है। इसी प्रकार यमुना का जलस्तर बढ़ने से शहर से सटकर बहने वाली ससुर खदेरी नदी के तटवर्ती करेलाबाग, गौशनगर, सदियापुर मोहल्लों में पानी घुसने लगा है।

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