पटना: लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी के एक शक्तिशाली विधायक द्वारा कथित तौर पर रेप किए जाने के कम से कम दो महीनों बाद, बिहार के नालंदा में एक स्कूल छात्रा कक्षा दसवीं की परीक्षा में शामिल हुई और पास भी हुई.
इसी सप्ताहांत, पटना हाईकोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने के बाद आरोपी विधायक राज बल्लभ यादव जेल से बाहर आ गया, जिससे यह छात्रा काफी डरी हुई है,
इस 15 वर्षीय लड़की ने इस उम्मीद के साथ की यह संदेश मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक पहुंचेगा, पत्रकारों और अन्य को व्हाट्स एप मैसेज भेजा. इसमें उसने कहा, ‘वह (यादव) जेल से बाहर आ चुका है… मैं भयभीत हूं और अपने परिवार के लिए डरी हुई हूं. उसने साथ क्या होगा? जो मेरे साथ हुआ, उससे मैं पहले ही मर चुकी हूं. मेरे पास खाने के लिए कुछ नहीं है.’ लड़की ने कहा, यह नेता मुझे और मेरे परिवार को किसी भी वक्त मार सकता है. यहां तक की पुलिस भी उससे डरती है.
नीतीश कुमार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से राज बल्लभ यादव की जमानत रद्द करने का आग्रह किया है. इससे चंद रोज पहले राज्य सरकार ने राजद के ही एक अन्य बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन की जमानत रद करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
दरअसल विपक्षी दल बीजेपी ने राज्य सरकार पर ऐसे नेताओं के खिलाफ प्रभावी तरीके से सख्त रुख नहीं अपनाने का आरोप लगाया है जो राजद नेता लालू प्रसाद की पार्टी से संबंधित हैं. उल्लेखनीय है कि पिछले साल के विधानसभा चुनाव से पहले लालू प्रसाद ने नीतीश कुमार के साथ हाथ मिला लिया था और कांग्रेस के साथ दोनों दलों का महागठबंधन इस वक्त राज्य की सत्ता में सत्तारूढ़ है.
गौरतलब है कि फरवरी में राज बल्लभ के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होते ही राजद ने पार्टी से उन्हें निलंबित कर दिया था. एक महीने फरार रहने के बाद उन्होंने उसके बाद सरेंडर कर दिया था.
राज बल्लभ बिहार विधानसभा में नवादा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं. उन पर छह फरवरी को पटना से तकरीबन 70 किमी दूर स्थित बिहार शरीफ की एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार का आरोप है. लड़की ने पुलिस को बताया कि उसको एक पड़ोसी महिला अज्ञात स्थान पर ले गई थी जहां पर उसके साथ एक आदमी ने बलात्कार किया. बाद में राज बल्लभ के रूप में उस व्यक्ति को पीडि़ता ने पहचाना. लड़की का यह भी कहना है कि उस महिला ने उसे 30 हजार रुपये देने का प्रस्ताव दिया था.
राज बल्लभ यादव को लैंगिक अपराधों से बाल संरक्षण एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था और निचली अदालत द्वारा उसकी जमानत की याचिका बार-बार खारिज की जाती रही. उसके बाद यादव ने हाई कोर्ट का रुख किया जहां पिछले हफ्ते उसे जमानत मिल गई.