कुछ वतन लौटे, सैकड़ों अब भी फंसे,

0
11

यूक्रेन के अलग-अलग हिस्सों में की गई सैन्य कार्रवाई के बाद जो तस्वीरें सामने आ रही हैं। उसमें भयावह मंजर दिखाई दे रहे हैं। इससे यूक्रेन में फंसे उत्तराखंड के छात्रों के परिजनों में भय और चिंता का माहौल है। यूक्रेन के विभिन्न शहरों में मेडिकल की पढ़ाई और रोजगार की तलाश में गए सैकड़ों उत्तराखंडी फंसे हुए हैं। इनके परिजन अपने बच्चों के सकुशल वापसी की प्रार्थना कर रहे हैं। 

भारतीय छात्रों ने रोमानिया पोलैंड और हंगरी में ली है शरण
युद्ध की डरावनी रात कट गई लेकिन सुबह यूक्रेन धमाकों से दहलने लगा। हर किसी के चेहरे पर भय और चिंताओं की लकीरें साफ दिख रही थीं। मैं क्या मेरे आसपास रहने वाला हर शख्स डरा और सहमा था। सबकी जुबां पर ईश्वर का नाम था। जसपुर के मेघावाला गांव निवासी ललित चौहान ने यूक्रेन युद्ध की दास्तां साझा की। गिरवर सिंह का बेटा ललित यूक्रेन के इवानो फ्रैंकविस्क नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है।

ललित ने बताया कि बृहस्पतिवार की सुबह करीब पांच बजे उठे तो देखा तो लोग बाजार की ओर दौड़ रहे थे। कोई एटीएम पर लाइन लगा रहा था तो कोई दुकानों पर खरीदारी में व्यस्त था। वह भी सामान खरीदने के लिए निकल पड़े। बाजार में करीब घंटा भर ही बीता था कि धमाकों की आवाज सुनाई देने लगी।

Comments

comments

share it...