कोर्ट का फैसला आते ही भगवा टोली ने बजाया मथुरा-काशी का बिगुल

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अयोध्या में ढांचा विध्वंस मामले में सीबीआई कोर्ट का फैसला पक्ष में आते ही भगवा टोली ने मथुरा-काशी को भी अतिक्रमण से मुक्त कराने का बिगुल बजा दिया है। फैसला आते ही आरोपियों के समर्थकों ने कोर्ट परिसर के अंदर और बाहर ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए। साध्वी ऋतंभरा और साक्षी महाराज के बाहर निकलते ही उनके समर्थकों ने नारेबाजी की।

इस मामले में बरी हुए आरोपियों ने कोर्ट से बाहर आते ही कहा कि अब मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि और वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर पर हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए संघर्ष शुरू किया जाएगा। आचार्य धर्मेन्द्र ने कहा कि यह तो सिर्फ एक झांकी है, मथुरा-काशी बाकी है। संतोष दुबे ने कहा कि काशी-मथुरा को भी वैसे ही मुक्त कराएंगे, जैसे अयोध्या को मुक्त कराया था। गजानंद दास ने कहा कि दस हजार कार्यकर्ताओं के साथ काशी के लिए तैयारी शुरू करेंगे। इस अभियान का नाम जल सेवा रखा गया है। पवन पांडेय ने भी कहा कि काशी और मथुरा के लिए संघर्ष शुरू किया जाएगा।
अदालत का फैसला आने के बाद आरोपियों में सबसे पहले जय भगवान गोयल ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाते हुए बाहर निकले। गोयल ने कहा, कोर्ट फांसी भी देता तो हम तैयार थे। हमने रामजी का नाम किया था, रामजी प्रसन्न हैं। 6 दिसंबर को हुआ था, वह सही था, इसलिए आज राम मंदिर का निर्माण हो रहा है।
विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने कहा कि सीबीआई की विशेष अदालत के निर्णय का पूरे देश ने हृदय से स्वागत किया है। खुशी की बात है कि 28 वर्ष बाद मामले में सभी रामभक्तों को दोषमुक्त कर बरी किया गया है।
संतोष दुबे ने कहा कि सीबीआई के पास हमलोगों के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं था। सीबीआई ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार के इशारे पर हमें आरोपी बनाकर मनगढ़ंत आरोप लगाए थे। सीबीआई यदि उच्च न्यायालय में अपील करती है तो उसके लिए भी हम तैयार हैं।

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