दिल्ली कैबिनेट ने शुक्रवार को बेमौसम बारिश के कारण फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए किसानों को 20 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा देने को मंजूरी दे दी है। फसलों के नुकसान के आकलन के अनुसार किसानों को अनुग्रह राशि की दरें भी मंजूर हो गई हैं। इसके तहत दिल्ली में अनुमानित 29 हजार एकड़ कृषि क्षेत्र पर लगभग 53 करोड़ रुपये खर्च होंगे।मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में हुई कैबिनेट बैठक में तय किया गया है कि यदि नुकसान का आकलन 70 फीसदी या उससे कम होता है, तो मुआवजे का भुगतान 70 फीसदी की दर से किया जाएगा। अगर नुकसान 70 फीसदी से अधिक है, तो 100 फीसदी की दर से मुआवजे का भुगतान किया जाएगा।
देर तक बरसे मानसून ने किया नुकसान
दिल्ली में इस बार देर से मानसून के आगमन के साथ इसका असर देर तक रहा। सितंबर-अक्तूबर तक बारिश होने के कारण खेतों में जलभराव हो गया था। साथ ही, प्राकृतिक नालों के ओवरफ्लो होने से भी फसलों को नुकसान हुआ।
- सीएम ने किसानों को राहत पैकेज देने का भरोसा दिया था व नुकसान का जायजा लेने के लिए टीमों को स्थलीय निरीक्षण के लिए भेजा गया था।
- दिल्ली सरकार पेट्रोल पंपों पर ईंधन भरवाने के लिए प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसी) अनिवार्य करने जा रही है। वाहन चालकों को इसे पंपों पर लेकर जाना होगा। पीयूसी अमान्य पाया गया तो उसी पंप पर प्रमाणपत्र का नवीनीकरण कराना होगा। नए नियम के ड्राफ्ट को अधिसूचित करने से पहले जनता की राय ली जाएगी। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने यह जानकारी दी।
- राय ने कहा, इससे वाहनों के प्रदूषण स्तर की नियमित जांच संभव होगी। सरकार इस नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए तकनीकी आधारित पद्धतियां स्थापित करने पर भी काम कर रही है, ताकि पीयूसी प्रमाण पत्र की जांच के दौरान वाहन मालिकों और पेट्रोल पंप संचालकों को असुविधा न हो और लंबी कतारें न लगें।