गांव ढिंगसरा निवासी रायसिंह की शिकायत पर भट्टूकलां पुलिस थाना में एक जून 2018 को सुंदरलाल, शेर सिंह, बलवान, विक्रम, भंवर सिंह उर्फ भंवरा, बलराज सिंह, नेकीराम, रवि, धर्मपाल उर्फ जागर, दलबीर, सुरजीत, श्रीराम, साहबराम, वेदप्रकाश, वीरूराम, विनोद कुमार, बलबीर सिंह के खिलाफ धारा 146, 149, 285, 364, 452, 302, 201, 120बी व आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। इन 17 आरोपियों में से श्रीराम की कोर्ट ट्रायल के दौरान मौत हो गई। हाल ही में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. पंकज की अदालत ने श्रीराम को छोड़कर अन्य 16 लोगों को दोषी करार दिया था। आईपीसी की धारा 302, 364, 452, 285, 120बी, 201, 148 व आर्म्स एक्ट के तहत सभी को दोषी माना गया है।
दरअसल, युवक धर्मबीर ने गांव मंगाली निवासी सुनीता से सिरसा के चत्तरगढ़ पट्टी क्षेत्र में प्रेम विवाह किया था। सुनीता अपने मामा दलबीर सिंह के घर रहती थी और यहीं से वह धर्मबीर के घर गई थी। मार्च 2018 में लव मैरिज के बाद सुनीता व धर्मबीर ने दोषी दलबीर से जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की भी मांग की थी। शादी के बाद धर्मबीर अपनी पत्नी के साथ गांव ढिंगसरा में अपने मामा रायसिंह के घर आ गया था।
एक जून 2018 को सभी दोषी रायसिंह के घर पहुंचे और सुनीता व धर्मबीर का हथियार के बल पर अपहरण कर ले गए। इसके बाद दोषियों ने आदमपुर क्षेत्र के गांव सीसवाल में रबड़ के पट्टों व डंडों से पीट-पीटकर धर्मबीर की हत्या कर दी। उसके शव को नहर में फेंक दिया था। एक दिन बाद धर्मबीर का शव हनुमानगढ़ में नहर से बरामद हुआ था।