ताजनगरी में कालिंदी उफान पर है। जिला प्रशासन ने 40 तटवर्ती गांव में अलर्ट जारी किया है। निचले इलाकों में बसे लोगों को नदी किनारों पर जाने की मनाही है। बाढ़ नियंत्रण व राजस्व टीमों को तैयार रहने के निर्देश हैं। दिल्ली की तरफ से आ रहे पानी पर प्रशासन की नजर है।
रुनकता, अकबरा, सिकंदरा, कैलाश, दयालबाग के मनोहपुर, खासपुर, बसई मुस्तकिल समेत 12 से अधिक गांव में खेत पानी में डूब गए हैं। 40 गांव नदी तलहटी में बसे हैं। निचले इलाकों में पानी भरने से स्थानीय लोगों की धड़कने तेज हो गई हैं। जिला प्रशासन ने इन इलाकों के लोगों से नदी की ओर नहीं जाने की अपील करते हुए एहतियात बरतने को कहा है। रुनकता से फतेहाबाद तक यमुना डूब क्षेत्र में 40 से अधिक गांव शामिल हैं जिनमें सबसे पहले बाढ़ का पानी घुसता है।
मथुरा में पोइया घाट पर यमुना लाल निशान पर पहुंच गई है। गोकुल बैराज से आगरा की तरफ यमुना में डिस्चार्ज बढ़ाया जा रहा है। रविवार शाम चार बजे तक गोकुल से यमुना में 42,295 क्यूसेक पानी चल रहा है। उधर, हरियाणा स्थित ताजेवाला (हथिनीकुंड) बैराज से 15876 और ओखला बैराज से यमुना में 41674 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हो रहा है। इधर, बाढ़ नियंत्रण कक्ष की रिपोर्ट के मुताबिक रविवार शाम चार बजे वॉटर वर्क्स पर यमुना का जलस्तर 489.4 फीट पहुंच गया है। शनिवार को यह 487.1 फीट था। इसमें दो फीट से अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है। अगले 24 घंटे में जलस्तर दो फीट और बढ़कर 491.4 फुट तक पहुंचने के आसार हैं। जवाहर पुल पर यमुना का लाल निशान (लो फ्लड लेवल) 495 फीट है।