भारत ने भी ठान लिया है कि अब वो ईंट का जवाब पत्थर से देगा.
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली में अहम बैठक बुलाई है. जिसमें रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर भी शामिल होंगे.
वहीं सोमवार को गृहसचिव राजीव महर्षि कश्मीर दौरे पर जा रहे हैं. वह यहां सुरक्षा स्थिति का जायजा लेंगे. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस दौरान उनके साथ राज्य सरकार के शीर्ष पुलिस अधिकारी भी रहेंगे. जम्मू-कश्मीर के उरी में आतंकवादी हमले और गृह मंत्री राजनाथ सिंह के निर्देशों के बाद महर्षि श्रीनगर जा रहे हैं.
सूत्रों के हवाले से खबर है कि भारतीय सेना एलओसी पर तोपों की तैनाती और अन्य ऑपरेशंस को मंजूरी देने की मांग कर सकती है. यही नहीं भारतीय सुरक्षा बलों का एक बड़ा वर्ग चाहता है कि सरकार सीमा पार हमलों पर भी विचार करे.
सुरक्षा बलों का मानना है कि सरकार को पाकिस्तानी सीमा के भीतर सीमित, लेकिन कड़े हमले करने की अनुमति देने पर विचार करना चाहिए.
एलओसी सीमा पर सेना की तैनाती करने का फैसला पाकिस्तानी सेना को भी नुकसान पहुंचाने की रणनीति है.जो लगातार जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ कराती रही है और उन्हें मदद करती है.
विशेषज्ञों ने महसूस किया कि उरी हमले को अंजाम देने वालों को कैसे, कब और कहां सजा दी जाएगी, इस बारे में देश के राजनीतिक नेतृत्व को सावधानी के साथ फैसला करना है.
हालांकि जम्मू कश्मीर मामलों को देख रहे भाजपा नेता राम माधव ने कहा कि रणनीतिक संयम रखने के दिन खत्म हो गए हैं और उन्होंने सुझाव दिया कि हमले के बाद ‘एक दांत के लिए पूरा जबड़ा’ की नीति होनी चाहिए.