17 घंटे बंद रहा ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे,

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शनिवार की रात को करीब 12 बजे बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर तोताघाटी और कौडियाला के बीच भारी मलबा आ गया था। बंद होने की सूचना के बाद लोनिवि राष्ट्रीय राजमार्ग खंड श्रीनगर गढ़वाल की टीम सुबह छह बजे मौके पर पहुंची। कौड़ियाला में दोपहर एक बजे तक मलबा हटाया जा सका। तोताघाटी में पहाड़ी से भारी बोल्डर आने के कारण उन्हें हटाने काफी समय लग गया। रविवार शाम करीब पांच बजे मार्ग से बोल्डर हटाकर वाहनों की आवाजाही हो सकी।

पुलिस की ओर से ऋषिकेेश से श्रीनगर देवप्रयाग जाने वाले वाहनों को वाया नरेंद्रनगर भेजा गया। छोटे वाहनों को गजा-खाड़ी होते हुए देवप्रयाग भेजा गया। बड़े वाहन वाया चंबा होते हुए श्रीनगर पहुंचे। रोडवेज की बसें भी सुबह नरेंद्रनगर होते हुए जोशीमठ, रुद्रप्रयाग पहुंची। एनएच के सहायक अभियंता एसके द्विवेदी ने बताया कि तोताघाटी और कौडियाला के पास भूस्खलन हो गया। तोताघाटी में बड़े पत्थर गिरने के कारण शाम पांच बजे तक छोटे वाहनों की आवाजाही शुरू की गई।
डेढ़ घंटा जाम में फंसी रही एंबुलेंस
चंबा-धरासू हाईवे रविवार को दूसरे दिन भी नगुण गोजमेर के पास ढाई घंटे तक बाधित रहा। पहाड़ी से भूस्खलन के कारण सुबह आठ बजे हाईवे पर बड़ी मात्रा में मलबा और बोल्डर आ गिरे। हाईवे के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लगी रही। मरीज को लेकर देहरादून जा रही एक एंबुलेंस भी डेढ़ घंटे तक जाम में फंसी रही। करीब 10.30 बजे यातायात बहाल हो पाया।

नगुण गोजमेर के समीप भूस्खलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार पहाड़ी से वहां बोल्डर हाईवे पर गिर रहे हैं। बीते शनिवार को भी उक्त स्थान पर भूस्खलन के कारण हाईवे आठ घंटे तक बाधित रहा था। हाईवे बंद होने के कारण लोगों को आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

रविवार सुबह 8 बजे हाईवे बंद हुआ। काफी मशक्कत के बाद सुबह 10.30 बजे जेसीबी से मलबा साफ करने के बाद वाहनों का आवागमन शुरू हो पाया। बार-बार हाईवे बंद होने के कारण स्कूली छात्र-छात्राओं के अलावा दूध, सब्जी लेकर चिन्यालीसौड़ जाने वाले लोगों को जान जोखिम में डालकर आवागमन करना पड़ रहा है। 
तीसरे दिन भी नहीं खुल सकी थल-मुनस्यारी सड़क
गिरगांव में पहाड़ी हुए भूस्खलन से थल-मुनस्यारी सड़क तीन दिन से बंद है। पहाड़ी से लगातार पत्थरों के बरसने से सड़क नहीं खोली जा सकी। लगभग 50 मीटर के दायरे में खतरा होने से सड़क के जल्दी खुलने की संभावना नहीं है। सड़क बंद होने से दोनों और दर्जनों वाहन फंसे हैं।

तीन दिन पूर्व थल-मुनस्यारी सड़क पर बनिक गांव की पहाड़ी पर जबरदस्त भूस्खलन हो गया था। पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा गिरगांव के निकट सड़क पर गिर गया। इससे यातायात बाधित हो गया। भूस्खलन के बाद लोक निर्माण विभाग ने मौके पर मजदूर और मशीन भेजकर सड़क खोलने का प्रयास किया लेकिन पहाड़ी से लगातार पत्थरों के गिरने के कारण सड़क नहीं खोली जा सकी।

इसके चलते लोगों को पैदल ही आवागमन करना पड़ रहा है। बनिक से गिरगांव तक जंगल और फिसलन भरे रास्ते से लोग जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं। भाजपा नेता भगत वाछमी ने बताया कि दो सौ मीटर ऊपर पहाड़ी से पत्थर सड़क पर गिर रहे हैं। पैदल आवागमन में भी खतरा बना हुआ है।

पहाड़ी से लगातार पत्थर गिर रहे हैं। इसके चलते मलबा हटाने के लिए मजदूर या मशीनों का पहुंच पाना संभव नहीं है। लगभग एक सौ मीटर सड़क क्षतिग्रस्त हुई है। पत्थरों के गिरने से हादसे का खतरा बना हुआ है। मौसम साफ होने के बाद ही सड़क खोलने के प्रयास किए जाएंगे।

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