जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेता मसर्रत आलम को आज रिहा होते ही दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया. जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने कल ही कठुआ के जिला जेल में बंद मसर्रत आलम की रिहाई का आदेश दिया था. हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से जुड़ा मसर्रत आलम पत्थरबाजों के सरदार के तौर पर मशहूर है.
कौन है मसर्रत आलम
मसर्रत आलम को अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी उत्तराधिकारी माना जाता है. मसर्रत ने ही कश्मीर में सुरक्षाबलों पर नौजवानों को पत्थराव करने के लिए उकसाया था और उस भीड़ का नेतृत्व किया था. मसर्रत सोशल मीडिया पर भारत विरोधी अभियान चलाने के लिए भी जाना जाता है. उसने मस्जिदों में भारत विरोधी सीडी भी बंटवायी हैं.
मसर्रत पर 2008 से 2010 में भारत विरोधी मुहिम चलाने का आरोप है. उसने भारत विरोधी मुहिम- गो इंडिया गो चलाई थी, उसे 2010 में भारत विरोधी हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, बताया जाता है कि कि मसर्रत प्रदर्शनों के दौरान पत्थरबाजी की घटनाओं को अंजाम देता था जिसमें में सौ से ज्यादा लोगों की जान गई थी. मसर्रत की गिरफ्तारी के बाद पत्थरबाजी की घटनाएं भी बंद हो गई थीं.