मिस्र के दो शहरों तांता और एलेक्जेंड्रिया में प्रार्थना के लिये जुटे श्रद्धालुओं की भीड़ को निशाना बनाते हुये आईएसआईए ने जो दो अलग-अलग बम धमाके किए थे उसमें कम से कम 45 लोगों की मौत हो गयी और 120 अन्य घायल हो गये. हाल के सालों में यहां अल्पसंख्यक ईसाइयों पर किया गया यह सबसे बड़ा हमला है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक पहला धमाका काहिरा से करीब 120 किलोमीटर दूर नील डेल्टा में तांता शहर के सेंट जॉर्ज कॉप्टिक चर्च में हुआ. इसमें 27 लोगों की मौत हो गयी जबकि 78 अन्य घायल हो गये. सुरक्षा सूत्रों ने कहा कि शुरुआती जांच में संकेत मिले है कि ईस्टर से पहले के रविवार के मौके पर चर्च में इसाई प्रार्थना के दौरान एक शख्स ने चर्च में विस्फोटक उपकरण रखे. हालांकि अन्य का कहना है कि एक आत्मघाती हमलावर ने इस हमले को अंजाम दिया.
विस्फोट में चर्च के हॉल में अगली कतार में बैठे लोगों को निशाना बनाया गया था. इस धमाके में मारे जाने वालों में तांता कोर्ट के प्रमुख सैमुअल जार्ज भी शामिल हैं. पुलिस ने कहा कि इसके कुछ घंटों बाद अलेक्जेंड्रिया के मनशिया जिले के सेंट मार्क्स कॉप्टिक ऑथरेडॉक्स कैथ्रेडल में भी एक आत्मघाती हमलावर ने धमाका किया. स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक एलेक्जेंड्रिया के आत्मघाती बम धमाके में पुलिस कर्मियों समेत कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई जबकि 41 अन्य घायल हो गये.
ताज़ा आंकड़े से तांता और अलेक्जेंड्रिया में हुए विस्फोटों में मरने वालों की संख्या 45 हो गई है. इस्लामिक स्टेट ने दोनों ही विस्फोटों की जिम्मेदारी ली है. आईएसआईएस ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कहा, ‘‘इस्लामिक स्टेट दस्तों ने तांता और अलेक्जेंड्रिया में दोनों गिरजाघरों पर हमलों को अंजाम दिया.’’ मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फह अल सिसी ने बम विस्फोटों के बाद ‘महत्वपूर्ण आधारभूत ढांचों’ की रक्षा के लिए सैन्य तैनाती का आदेश दिया.
राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘राष्ट्रपति सिसी ने आदेश दिया है कि सभी प्रांतों में महत्वपूर्ण आधारभूत ढांचों की रक्षा के लिए सेना की तैनाती की जाए.’’ एक बयान में गृह मंत्रालय ने कहा कि एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटक बेल्ट का इस्तेमाल कर खुद को एलेक्जेंड्रिया में चर्च के अंदर उड़ाने की साजिश रची थी लेकिन सुरक्षा बलों ने उसे रोक दिया. मंत्रालय ने कहा कि आत्मघाती हमलावर को कैथ्रेडल में रोकने की कोशिश के दौरान एक पुलिस अधिकारी और एक महिला पुलिसकर्मी समेत तीन लोग मारे गये.
इस बीच सुरक्षा बलों ने तांता शहर के सिडी अब्दुल रहीम मस्जिद में दो विस्फोटक उपकरणों को निष्क्रिय किया है. हमले के बाद राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल-सीसी ने राष्ट्रीय रक्षा परिषद की बैठक बुलाई है. राष्ट्रीय रक्षा परिषद में प्रधानमंत्री, संसद अध्यक्ष, रक्षा मंत्री और मिस्र की सशस्त्र सेनाओं के कमांडर होते हैं. इसकी अध्यक्षता राष्ट्रपति करते हैं. मिस्र ने तीन दिन के शोक की घोषणा की है. राष्ट्रपति अल-सीसी ने घायलों के इलाज के लिये सैन्य अस्पतालों को खोलने के आदेश दिये हैं.