आठ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से नोट बैन के फैसले पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विरोधियों पर निशाना साधा है. शाह ने सीधे-सीधे नाम लेते हुए बीएसपी सुप्रीमो मायावती, सीएम अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और सीएम ममता बैनर्जी पर कालाधन रखने वालों को समर्थन देने का आरोप लगाया है. शाह ने कहा है कि ये लोग पीएम मोदी की तरफ से किए गए ऐतिहासिक फैसले का विरोध कर रहे है. इसका सीधा-सीधा मतलब है कि ये लोग कालाधन रखने वाले लोगों का समर्थन कर रहे है. शाह ने कहा है कि अब इन लोगों को जवाब देना चाहिए. शाह ने ये भी कहा कि सभी पार्टियों को इस मुद्दे को लेकर चुनाव में उतरना चाहिए, जनता खुद ही जवाब दे देगी.
शाह ने कहा कि कुछ तकलीफ सहते हुए अगर देश के अर्थतंत्र को बहुत बड़ा फायदा होता है, तो जनता को सरकार का सहयोग करना चाहिए. उन्होंने बताया कि फर्जी, काले नोट को निकालना जरूरी है क्योंकि इसके बिना देश आगे नहीं बढ़ सकता.
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सरकार के इस फैसले का राजनीतिक दलों द्वारा विरोध करने पर शाह ने कहा कि दो दिन से राजनीतिक पार्टियों की प्रतिक्रियाएं जनता देख रही है. कई राजनीतिक दलों में हाय-तौबा पर आश्चर्य जताते हुए शाह ने कहा कि काला धन को लेकर मोदी सरकार पर हमले बोलने वालों को इस फैसले से क्या पीड़ा है. राजनीति स्वच्छ हो, देश से काला धन बाहर हो इससे क्या परेशानी हो सकती है.
अमित शाह ने कहा कि इस पुराने बड़े नोटों पर पाबन्दी से आतंकियों, नक्सिलयों, जाली नोटों का कारोबार करने वालों को परेशानी हो सकती है. बीएसपी, सपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को जवाब देना चाहिए कि वे कालाबाजारियों के साथ हैं या उनके खिलाफ हैं. शाह ने कहा कि चारों पार्टियों ने अपने आप को एक्सपोज कर दिया है, जनता को अपना असली चेहरा दिखा दिया है.