लंदन से एक कलयुगी बेटे की चकित कर देने वाली खबर सामने आई है। दरअसल, यहां 41 साल के एक शख्स ने अपने माता-पिता से पूरी जिंदगी उसका खर्चा उठाने की मांग करते हुए उन पर केस कर दिया है। इससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि फैज सिद्दीकी नाम के इस शख्स ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की है और वह एक ट्रेंड लॉयर है। इतना पढ़ा-लिखा होने के बावजूद वह बेरोजगारी का हवाला देकर अपने माता-पिता को संभालने के बजाय उल्टा उनसे ही जिंगदीभर रुपये देने की मांग कर रहा है।फैज का कहना है कि वह बीते 10 सालों से बेरोजगार है और हाई कोर्ट में उसने दलील दी है कि वह सेहत की परेशानियों के चलते कमजोर वयस्क बच्चे के रूप में गुजारे का दावा करने का हकदार है। उसे रोकना उसके मानवाधिकारों का उल्लंघन होगा।बता दें 71 साल के जावेद और 69 साल की रक्षंदा फैज के माता-पिता हैं। वह दुबई में रहते हैं। उनके वकील ने हाई कोर्ट में कहा कि फैज के माता-पिता पहले ही उसे ऑक्सफोर्ड जैसी प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में पढ़ा चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने फैस को 20 साल पहले ही सेंट्रल लंदन के हाइड पार्क में एक घर खरीदकर दे रखा है, जिसकी कीमत करीब 10 करोड़ रुपये है। वकील ने बताया कि फैज के माता-पिता ने उसकी पढ़ाई से लेकर अब तक का सारा खर्चा उठाया। वह हर हफ्ते फैज को अब तक करीब 40 हजार रुपये खर्च के लिए देते आए हैं। इतना ही नहीं, उसके तमाम तरह के बिल और खरीदारी के खर्चे को मिलाकर महीनेभर में उसे करीब डेढ़ लाख रुपये देते रहे हैं। वकील का कहना है कि अब पारिवारिक विवाद के बाद उसके माता-पिता उसे यह रुपये नहीं देना नहीं चाहते। पारिवारिक कलेश के चलते वह अर्से से परेशान हैं। उसके माता-पिता का कहना है कि फैज की यह मांग जायज नहीं है। वह पहले भी ऑक्सफोर्ड के खिलाफ केस में अपनी मानसिक सेहत कमजोर होने का हवाला दे चुके हैं जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था।गौरतलब है कि फैस ने एक टॉप लॉ फर्म में प्रैक्टिस की पर साल 2011 से उसे कहीं पर भी नौकरी नहीं मिली। इसके पहले भी उसने फैमिली कोर्ट में अपने माता-पिता के खिलाफ इसी तरह का एक और केस किया था, जिसे फैमिली जज ने खारिज कर दिया था।फैज सिद्दीकी ने अपने माता-पिता से ताउम्र भरण-पोषण के लिए खर्चा देने की मांग करने की वजह बताई है। उसका कहना है कि उसने काफी कोशिश की, लेकिन कोई अच्छी नौकरी नहीं मिल पाई। ऐसे में माता-पिता के अलावा उसका कोई सहारा नहीं है और उन्हें ही उसकी पूरी जिम्मेदारी उठानी होगी।जानकारी मिली है कि इसके पहले साल 2018 में फैस ने अपनी कमजोर मानसिक सेहत का हवाला देते हुए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के खिलाफ भी एक केस कर दिया था। उसने ऑक्सफोर्ड से 10 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा था। उसका दावा था कि ऑक्सफोर्ड में पढ़ाई का स्तर अच्छा नहीं था, जिसके चलते एक प्रतिष्ठित अमेरिकी लॉ कॉलेज में उसका एडमिशन नहीं हो सका। हालांकि, फैज द्वारा दायर इस मुकदमे को भी लंदन की एक निचली अदालत ने खारिज कर दिया था।