कुशीनगर जिले के नौरंगिया गांव के स्कूल टोला में मटकोड़वा देखने नन्ही बेटी को लेकर साथ गई एक महिला भी इस हादसे की चपेट में आई। महिला की जान तो बच गई, लेकिन उसकी नन्ही बेटी परी की मौत हो गई। पीड़ितों की दुखभरी दास्तां सुनकर लोगों की आंखें भर जा रही हैं।
परी की मां माला बताती है कि उसकी शादी देवरिया जिले में हुई है। छह साल के बेटे अंश और करीब एक साल की बेटी परी के साथ मायके में रहती है। 12 फरवरी को ही बच्ची का पहला जन्मदिन था। पड़ोस में ही हल्दी की रस्म होने पर अपनी एक वर्ष की बेटी परी, 20 वर्षीय बहन पायल, चाची शकुंतला और ममता तथा चचेरी बहन पुष्पा के साथ मटकोड़वा देखने गई थी।महिलाएं गीत गा रही थीं। भांगड़ा की धुन पर लड़कियां नाच रही थीं। सभी खुश थे। माला बताती है कि नृत्य साफ साफ दिखाई दे, इसके लिए महिलाएं कुएं के स्लैव पर चढ़ गई थीं। अचानक महसूस हुआ कि धरती फट गई है। पानी में गिरते ही कई और लोग ऊपर से गिरने लगे। गोद में बच्ची दब गई। लगा कि अब जीवन नहीं बचेगा। अचानक एक रस्सी आयी। उसे पकड़ लिया।
लोगों ने ऊपर खींचा तो सांस ले पायी। कई जगह चोट लग गई थी। जब कुछ होश आया तो बच्ची को देखा। वह समाप्त हो गई थी। माला की बहन पायल की जान बाल-बाल बची, वह अब भी सदमे में है। दो चाचियों की मौत हो गई। मायके आई चचेरी बहन पुष्पा भी घायल है। पुष्पा की गोद में चार माह की बच्ची है। गनीमत रहा कि बच्ची को घर छोड़कर कुएं पर गई थी। इसी तरह कई परिवारों ने अपनों को खो दिया। यह कहते हुए माला विलाप करने लगी।