औरैया में नकली करेंसी के मामले में गिरफ्तार मुख्य सरगना धर्मेंद्र सिंह आर्थिक तंगी के चलते पढ़ाई छोड़कर गलत रास्ते पर चल पड़ा। यह धर्मेंद्र ने पुलिस की पूछताछ के दौरान बताया। साथ ही कहा कि इस काम में अधिक लाभ होते देख उसके साथ बाकी तीनों साथी भी जुड़ गए। धर्मेंद्र ने बताया कि एक दिन में 10 हजार रुपये तक छाप लेता था।
यू ट्यूब पर एक वीडियो देख नकली नोट छापना सीखा था। धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि उसके घर में उसके अलावा उसकी मां है। वह इस काम में चार साल से है। 2013 में हाईस्कूल करने के बाद आर्थिक तंगी के चलते उसने पढ़ाई छोड़कर पहले अहमदाबाद में एक कंपनी में एंब्राइडरी का काम किया। इसके बाद दीपावली से एक माह पहले फरीदाबाद में पेट्स कंपनी में काम करने गया था।
तभी वहां उसे विक्रांत नाम का युवक मिला। विक्रांत कैब चलाता था तथा अक्सर पास स्थित पार्क में क्रिकेट खेलता था। वह भी उसके साथ क्रिकेट खेलता था। वहीं उसकी मुलाकात विक्रांत से हुई। धर्मेंद्र ने बताया कि इस बीच वह रोज यू-ट्यूब देखता था। तभी नकली नोट छापने का एक वीडियो उसने देखा। इसकी चर्चा उसने विक्रांत से की।
विक्रांत की राय पर उसने यू-ट्यूब पर नकली नोट छापने में प्रयुक्त आने वाले सामान में एक कलर प्रिंटर व अन्य सामग्री खरीदी। पहली बार में सौ रुपये का नोट छापा और चलाने के लिए उसने दिल्ली में काम करने वाले एक कल्लू नाम के युवक को दिया। कल्लू सौ रुपये से जूस ले आया। बस यहीं से काम शुरू हो गया।
धर्मेंद्र ने बताया कि फिर आठ-10 दिन बाद नोट छापना शुरू किया। बताया कि एक दिन में 10 हजार रुपये तक ही छाप पाते थे। जिसे चलाने के लिए दूसरों को देते थे। जिसमें असली रुपये लेने के बाद उसके बदले में दो गुने नकली नोट दे देते थे। इस काम में अधिक लाभ होते देख उसके साथ तीनों साथी भी जुड़ गए। नकली नोट के मामले में आरोपी विक्रांत की तलाश में पुलिस टीम सक्रिय हो गई है। इस संबंध में पुलिस ने फरीदाबाद पुलिस से संपर्क कर विक्रांत की तलाश में जुट गई है।
नकली नोट समेत पकड़े गए चार आरोपियों में समीर खान के कोरोना पॉजिटिव निकला। इस पर पकड़ने गई पुलिस व स्वॉट टीम में हड़कंप मच गया। उसे स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दिबियापुर कोविड अस्पताल में भर्ती कराया।