टाटा ग्रुप में मतभेदों का मामला अदालत तक पहुंच गया है. साइरस मिस्त्री ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में रतन टाटा, टाटा ग्रुप और टाटा ट्रस्ट के खिलाफ कैविएट दाखिल किया है. वहीं टाटा की ओर से भी सुप्रीम कोर्ट, बॉम्बे हाई कोर्ट और NCLT में साइरस मिस्त्री को अपनी बर्खास्तगी के खिलाफ कोई कदम उठाने से रोकने के लिए कैविएट दायर किया गया है. चार कैविएट में से तीन कैविएट मिस्त्री ने रतन टाटा, टाटा सन्स और सर दोराबजी ट्रस्ट के खिलाफ दायर की है. एक कैविएट साइरस इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड की ओर से रतन टाटा और टाटा सन्स के खिलाफ दाखिल की गई है.
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शेयर बाज़ार में काफी उतार चढ़ाऊ
आज सबकी नजरें शेयर बाजार पर भी लगी हैं जहां टाटा की कंपनियों के शेयरों में भारी उतार चढ़ाव देखने को मिल सकता है. करीब चार साल बाद साइरस मिस्त्री बतौर चेयमरैन टाटा संस से विदा हो रहे हैं. कल शेयर बाजार बंद होने के बाद टाटा संस की ओर एक बयान जारी कर कहा गया, ‘’टाटा संस ने साइरस पी मिस्त्री की चेयरमैन पद से हटाने का फैसला किया है, ये फैसला निदेशक बोर्ड की बैठक में लिया गया.
रतन टाटा अंतरिम चेयरमैन बनाया गया
बोर्ड ने रतन टाटा को टाटा संस का अंतरिम चेयरमैन नामित किया है. बोर्ड ने नया चेयरमैन खोजने के लिए एक चयन समिति बनाई है. समिति में रतन टाटा के अलावा, वेणु श्रीनिवासन, अमित चंद्रा, रोनेन सेन और लॉर्ड कुमार भट्टाचार्य होंगे. समिति को चार महीने में अपना काम पूरा करना होगा.
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हालांकि बयान में मिस्त्री को हटाए जाने की कोई वजह नहीं बतायी गयी. लेकिन समझा जाता है कि रतन टाटा के बाद मिस्त्री जैसे युवा व्यक्ति को नेतृत्व सौंपे जाने के बाद कंपनी के कामकाज में जिस रफ्तार की उम्मीद थी, वो पूरी नहीं हुई. साथ ही ये भी माना जा रहा है कि यूरोप में समूह का इस्पात कारोबार से हटना भी खल रहा था, वहीं इस कारोबार से हटने को लेकर अभी तक सौदा पूरा नहीं हुआ. दूसरी ओऱ भारत में भी समूह की अग्रणी कंपनी टाटा स्टील का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है.