आज होगा महागठबंधन का ऐलान, कांग्रेस को 90 सीट देने का वादा

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यूपी चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के साथ महागठबंधन की बात लगभग फाइनल हो चुकी है और कभी भी इसका ऐलान हो सकता है. सूत्रों के मुताबिक कुछ सीटों को लेकर दोनों दलों के बीच बातचीत जारी है. सपा कांग्रेस को 90 सीटें देने को राजी है हालांकि, कांग्रेस अपने लिए 100 से अधिक सीटें मांग रही है. अखिलेश खुद इस ग्रांड एलायंस का स्वरूप तैयार कर रहे हैं. अखिलेश यादव ने मंगलवार को ऐलान किया था कि एक-दो दिनों में गठबंधन का ऐलान कर दिया जाएगा. शीला दीक्षित ने इस बीच ऐलान किया कि अखिलेश के लिए वे सीएम पद की दावेदारी छोड़ने को तैयार हैं.

ग्रैंड अलायंस के लिए छोटे दलों को समेटने की कोशिश- पीस पार्टी, भारतीय निषाद पार्टी ,अपना दल (कृष्णा पटेल गुट)से बातचीत जारी है. छोटे दलों के लिए सपा ने तय की 10 सीटों का कोटा. जेडीयू और आरजेडी भी होगी इस ग्रैंड अलायन्स का हिस्सा. लालू चुनाव प्रचार में आएंगे. सीट के लिए कोई मांग नहीं जबकि अखिलेश ने शरद यादव से फोन पर बातचीत की.

नोएडा की सभी सीटें समाजवादी पार्टी कांग्रेस और सहयोगियों के लिए छोड़ सकती है, पिछली बार कोई सीट नहीं जीत सकी थी सपा. नोएडा से अपशकुन को भी जोड़कर देखते रहे हैं अखिलेश.

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कांग्रेस के यूपी प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने गठबंधन को लेकर जल्द बात पूरी हो जाने की उम्मीद जताई. यूपी विधानसभा चुनाव में 403 सीटें हैं. अगर कांग्रेस सपा के इस फॉर्मूले पर राजी होती है तो फिर सपा सोनिया गांधी और राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्रों रायबरेली और अमेठी की कई सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ सकती है.

सूत्रों के अनुसार पहले दो चरणों के लिए 30 सीटों को सपा ने कांग्रेस के लिए मंजूर किया है. समाजवादी पार्टी आरएलडी को 21 सीटें देने को राजी है. दरअसल यूपी की 403 सीटों में से कांग्रेस पार्टी चाहती है कि गठबंधन ऐसा हो कि कांग्रेस की नाक न कटे. यही वजह है कि वह 100 के फिगर पर अभी हुई अड़ी हुई है. मगर सपा 85 से 88 सीट कांग्रेस को देने की बात कर रही है. सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी चाहते थे कि कांग्रेस पार्टी को 150 सीटें मिले पर इससे अंजाम देने के लिए फैसला प्रियंका के हाथ छोड़ दिया.

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मुलायम की लिस्ट पर अभी फैसला लेना बाकी.
कांग्रेस के साथ गठबंध पर बातचीत के अलावा सपा के अंदर भी घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है. मंगलवार को मुलायम सिंह ने मुलाकात के दौरान अखिलेश को 38 नेताओं की एक लिस्ट सौंपी थी. सूत्रों के मुताबिक इसमें शिवपाल यादव के बेटे आदित्य यादव का नाम भी शामिल है. हालांकि, अखिलेश को इसपर आखिरी फैसला लेना है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अखिलेश इनमें से कई नामों पर सहमत नहीं हैं. लखनऊ कैंट से मुलायम सिंह की दूसरी बहू अपर्णा यादव का टिकट पक्का हो सकता है तो रामपुर से बेनी प्रसाद वर्मा के बेटे राकेश यादव को भी टिकट मिल सकता है. हालांकि, शिवपाल के अन्य करीबी नेताओं ओमप्रकाश सिंह, शादाब फातिमा और नारद राय के टिकटों को लेकर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है.

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