समाजवादी पार्टी कार्यालय में आयोजित समारोह में स्वामी प्रसाद मौर्य, डा. धर्म सिंह सैनी सहित आठ विधायकों एवं दर्जनभर से अधिक पूर्व विधायकों व अन्य नेताओं ने सपा की सदस्यता ली। इन सभी ने एकजुटता का संदेश देते हुए भाजपा को उखाड़ फेंकने का संकल्प दोपहराया। इस दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा पर जमकर हमला बोला।
वहीं, बदायूं से भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य अपने पिता के अलग रास्ते पर चले जाने के बावजूद भाजपा में ही रहेंगी। जिस समय स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा छोड़ी, उसी वक्त संघमित्रा मौर्य का बयान आया था। उन्होंने कहा था कि वह बदायूं और भाजपा छोड़ने के बारे में सोच भी नहीं सकतीं। शुक्रवार को एक बार फिर से सांसद संघमित्रा मौर्य ने फेसबुक पर एक पोस्ट डालकर अपना दर्द बयां करने की कोशिश की है। पिता स्वामी प्रसाद मौर्य के फैसले से इतर खुद का वर्तमान और भविष्य भाजपा में ही तलाशने वाली सांसद ने पोस्ट के बहाने पार्टी के ही प्रदेश स्तरीय नेताओं पर निशाना साधा है। प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ भी की है।
सांसद ने पोस्ट की शुरुआत काव्यात्मक तरीके से की है। लिखा है कि मैं कुछ मांगूं और पूरा न हो, ऐसे तो हालात नहीं। मैं पुकारूं और पापा न सुनें, इतने भी हम दूर नहीं। सांसद ने लिखा है कि पिता और बेटी का रिश्ता दुनिया का सबसे मजबूत रिश्ता है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुझे बेटी के रूप में मेरे पिता से मांगे वचन से बंधी हूं। सोशल मीडिया पर जब अशोभनीय शब्द पढ़ती हूं तो ऐसा नहीं कि जवाब न दे सकूं, फैसला न ले सकूं।सांसद संघमित्रा मौर्य ने लिखा है कि वह अपने हक के लिए लड़ने में पीछे नहीं रहेंगी। मेरे पिता मेरे अभिमान हैं, मेरे हीरो हैं। पार्टी अलग हो सकती है पर पिता-पुत्री नहीं। सांसद ने कटाक्ष किया है कि आज प्रदेश में जो स्थिति है वो बड़बोलापन ही है। जहां पीएम मोदी भाजपा का परिवार बड़ा करने में लगे हैं वहीं निचले स्तर के लोग छोटी सोच का परिचय देकर किसी को हजम नहीं करना चाहते। आखिर में जय भाजपा तय भाजपा लिखकर सांसद ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर विश्वास जताया है।