सुरक्षा एजेंसियों के विभिन्न अधिकारियों ने बताया कि उत्तर कश्मीर के हंदवाड़ा के सीमावर्ती इलाके के जंगलों में पिछले साल अप्रैल में पांच आतंकवादियों के मारे जाने के बाद उस समय सुरक्षा बल सतर्क हो गए, जब उन्हें यह पता चला कि इनमें से शामिल एक आतंकवादी स्थानीय नागरिक हैं, जो वर्ष 2018 में पाकिस्तान गया था और इसके बाद लौटा ही नहीं।
पिछले तीन साल में वैध वीजा पर कम अवधि के लिए पाकिस्तान गए करीब 100 कश्मीरी युवा या तो वापस नहीं आए हैं अथवा यहां आने के बाद लापता हो गए हैं। इसके कारण सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। एजेंसियों को आशंका है कि ये युवा आतंकी गतिविधियों में शामिल होकर या तो पाकिस्तान से आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं अथवा यहां आतंकवादी समूहों के संभावित स्लीपर सेल बन गए हैं।
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