डब्लूएचओ प्रमुख टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा कि पिछला सप्ताह ऐसा चौथा सप्ताह था, जब दुनिया भर के मामले बढ़ने का सिलसिला लगातार जारी रहा। डब्ल्यूएचओ के छह क्षेत्रों में से एक को छोड़कर अन्य सभी में मामले बढ़े हैं।
उन्होंने कहा कि 10 सप्ताह तक संक्रमण के मामलों में कमी आने के बाद इस तरह मामले बढ़ने से चिंता बढ़ गई है। संगठन के महानिदेशक ने कहा कि कोरोना का नया स्वरूप डेल्टा वैरिएंट दुनिया भर में तेजी से फैल रहा है, जिससे संक्रमण के मामले और उससे जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है।
खासतौर पर ये वैरिएंट उन लोगों को संक्रमित कर रहा है, जिन्होंने टीका नहीं लिया है। इस वजह से स्वास्थ्य ढांचे पर दबाव बढ़ रहा है। वहीं, जिन देशों में टीकाकरण की दर बेहद कम है, वहां हालात और भी खराब हैं। उन्होंने इस बात की भी चेतावनी दी कि डेल्टा वैरिएंट अधिक संक्रामक है, इसलिए इससे बचना बेहद जरूरी है।
अमेरिका : जहां नहीं लगवा रहे टीका वहां डेल्टा का कहर
कोरोना वायरस के नए रूप की चपेट में आने से बचने के लिए वैज्ञानिक कह चुके हैं कि सभी को जल्द से जल्द टीका लगवाना होगा। वैज्ञानिकों ने ये भी स्पष्ट किया है कि टीका लगवाने वाले लोगों को भी संक्रमण हो सकता है लेकिन उनकी सेहत को नुकसान होने की संभावना उन लोगों की तुलना में कम है जो बिना टीके के संक्रमित होंगे। अमेरिका में डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित होने वालों की दर 70 से 80 फीसदी है।
अमेरिका के ब्राउन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के डीन डॉ. आशीष झा का कहना है कि अमेरिका में कोरोना संक्रमण के अधिक मामले उन क्षेत्रों में कम देखने को मिल रहे हैं जहां टीकाकरण की दर कम है या जहां लोग टीका लगवाने में संकोच कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अमेरिका के कुछ हिस्सों में टीकाकरण की रफ्तार धीमी है। ऐसे ही क्षेत्रों में संक्रमण के मामले अधिक दिख रहे हैं, खासतौर से लोग डेल्टा वैरिएंट की चपेट में आ रहे हैं। एजेंसी
टीका और डेल्टा का सीधा संबंध
डॉ. झा के अनुसार मैसाच्युसेट्स और रोड आईलैंड में 85 से 90 फीसदी वयस्कों को टीका लग चुका है। इसका नतीजा ये है कि इन क्षेत्रों में संक्रमण की दर कम है। वहीं अरकंसास, ओहियो समेत अन्य क्षेत्रों में टीकाकरण की दर बहुत कम है। नतीजा ये है कि यहां कोरोना का डेल्टा वैरिएंट बड़ी संख्या में लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। ऐसे में कह सकते हैं कि टीका और डेल्टाका सीधा संबंध है।
दोबारा संक्रमण के मामले बेहद चिंताजनक
डॉ. झा का कहना है कि दुनिया के 95 से अधिक देशों में फैल चुका है। ऑस्ट्रेलिया, इस्राइल और दक्षिण अफ्रीका में डेल्टा वैरिएंट ने कहर बरपाना भी शुरू कर दिया है। गौर करने वाली बात ये है कि अब तक टीका न लगवाने वाले लोग इस रूप की चपेट में अधिक आ रहे हैं। दोबारा संक्रमण के मामले भी सामने आए हैं जो भविष्य के लिए चिंताजनक स्थिति है।
स्पूतनिक-वी डेल्टा समेत सभी वैरिएंट के खिलाफ असरदार
देश में इस्तेमाल हो रहे रूस का स्पूतनिक-वी टीका डेल्टा समेत कोरोना के सभी वैरिएंट के खिलाफ असरदार है। रूस के गमाल्या रिसर्च इंस्टीट्यूट ने ये दावा एक ताजा अध्ययन के नतीजों के आधार पर किया है।
आरडीआईएफ ने बताया है कि कोरोना के नए वैरिएंट पर टीके के प्रभाव को जांचने के लिए शोध में पाया गया है कि स्पूतनिक-वी टीका सभी नए वैरिएंट अल्फा, बीटा, गामा यहां तक की डेल्टा के खिलाफ भी प्रोटेक्टिव न्यूट्रलाइजिंग तत्व तैयार करता है। मालूम हो कि स्पूतनिक-5 टीका भारत समेत दुनिया के 67 देशों में इस्तेमाल हो रहा है। एजेंसी
टीका न्यूट्रलाइज करने में सक्षम…
आरडीआाईएफ के सीईओ किरिल दिमित्रेव ने बताया कि स्पूतनिक-वी टीके की दो डोज कोरोना के नए वैरिएंट को न्यूट्रलाइज करने में सक्षम है। उन्होंने यहां तक दावा किया है कि अन्य टीकों की तुलना में स्पूतनिक ज्यादा असरदार और प्रभावी है।
वैज्ञानिकों ने परीक्षण में टीके की वायरस न्यूट्रलाइजिंग एक्टिविटी (वीएनए) को परखा तो पता चला कि वायरस के खिलाफ टीके का प्रभाव वैज्ञानिक भाषा में गोल्ड स्टैंडर्ड है।