कोविड-19 प्रतिबंधों को हटाए हुए दो सप्ताह से अधिक समय हो गया है। यह छुट्टी का समय है और लोग आपस में मिल-जुल रहे हैं। सामाजिक और आर्थिक गतिविधि महामारी से पहले के मुकाबले ज्यादा हो रही हैं। चिकित्सक-महामारी विज्ञानी चंद्रकांत लहरिया ने सावधानी बरतने और निरंतर निगरानी पर जोर देने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि केवल गिनती के मामलों का कोई मतलब नहीं है। हालांकि दिल्ली में मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन अस्पताल में भर्ती लोगों की संख्या में खास बढ़ोतरी नहीं हुई है।
महामारी विज्ञान और वैज्ञानिक साक्ष्यों को देखते हुए दिल्ली में मामलों में मौजूदा वृद्धि चौथी लहर की शुरुआत नहीं है। उन्होंने कहा कि सार्स कोव-2 (SARS CoV-2) लंबे समय तक हमारे साथ रहने वाला है और इसलिए ऐसा कभी नहीं होता जब नए मामले शून्य होंगे। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 501 ताजा मामलों के साथ दिल्ली की कोविड-19 संक्रमण दर सोमवार को बढ़कर 7.72 प्रतिशत हो गई। पिछली बार शहर में संक्रमण दर सात प्रतिशत से ऊपर थी, 29 जनवरी में 7.4 प्रतिशत और 28 जनवरी में 8.6 प्रतिशत।
देश में बढ़ने लगी है संक्रमण दर
यह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मंगलवार को दर्ज की गई भारत की समग्र संक्रमण दर 0.31 प्रतिशत के ठीक उलट है और 1,247 कोरोना वायरस मामले दर्ज हुए हैं। वैज्ञानिकों के पास इसका सटीक उत्तर नहीं हैं, अमेरिका स्थित संक्रामक रोग विशेषज्ञ अमिता गुप्ता ने कहा कि दिल्ली और कुछ अन्य राज्यों में मामलों में वृद्धि हल्के प्रतिबंधों, महामारी के फैलाव और वायरस की उच्च संचरण क्षमता का परिणाम हो सकती है।