दिल्ली में कोरोना

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दिल्ली में कोरोना वायरस का डेल्टा वैरिएंट ही नहीं, बल्कि एल्फा और कापा वैरिएंट ने भी वैक्सीन ले चुके स्वास्थ्य कर्मचारियों को संक्रमित किया। यह खुलासा आईएलबीएस अस्पताल, एनसीडीसी और आईजीआईबी के वैज्ञानिकों ने संयुक्त अध्ययन के जरिए किया है। पहली बार टीकाकरण के बाद स्वास्थ्य कर्मचारियों में संक्रमण की पहचान करने के अलावा जीनोम सीक्वेसिंग करने वाले इस अध्ययन को मेडिकल जर्नल मेडिरेक्सिव में प्रकाशित किया है। 

अध्ययन के अनुसार वैक्सीन ले चुके स्वास्थ्य कर्मचारियों में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण का खतरा डॉक्टर और नर्सों को है। कोविशील्ड की एक या दोनों खुराक ले चुके इस अध्ययन में पता चला है कि 10 में से एक स्वास्थ्य कर्मचारी वैक्सीन लेने के बाद संक्रमित हुआ है। इससे पहले मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के अध्ययन में हर नौंवे स्वास्थ्य कर्मचारी में ब्रेक थ्रो इंफेक्शन (वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद का संक्रमण) पाया गया। 

आईएलबीएस अस्पताल के निदेशक डॉ. एसके सरीन ने अध्ययन में बताया कि वैक्सीन की दोनों खुराक ले चुके 1858 स्वास्थ्य कर्मचारियों का चयन किया गया। इनमें से 46 स्वास्थ्य कर्मचारियों के सैंपल लेकर जीनोम सीक्वेसिंग की गई। इस दौरान 32 सैंपल में डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि हुई है। इनके अलावा 11 सैंपल में कापा और एक सैंपल में एल्फा वैरिएंट भी मिला है। अध्ययन में सलाह दी है कि दिल्ली में कोरोना वायरस के कई गंभीर वैरिएंट घूम रहे हैं जिनकी वजह से वैक्सीन लेने के बाद भी लोगों में कोरोना का संक्रमण हो सकता है। साथ ही जो लोग पहले संक्रमित हुए हैं उनके दोबारा से संक्रमित होने की आशंका बढ़ जाती है। हालांकि राहत यह है कि वैक्सीन के चलते इन लोगों में दोबारा से होने वाला संक्रमण गंभीर दिखाई नहीं दे रहा है। 

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