भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर लखनऊ से लौटते समय सुल्तानपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर स्कार्पियो पलट गई। जिसमें बनारस के जंसा और मिर्जामुराद के रहने वाले चार लोगों की मौत हो गई। हादसे की सूचना के बाद से मृतकों के गांव में कोहराम मचा हुआ है।
जंसा थाना अंतर्गत खरगूपुर गांव के तीन लोगों की मौत और मिर्जामुराद के रूपापुर निवासी एक अधेड़ मौत की घटना ने ग्रामीणों को झकझोर दिया। जबकि हादसे में तीन लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। घटना की सूचना मिलते ही परिजन सहित अन्य गांव के लोग घटनास्थल के लिए रवाना हो गए। गांव में सिर्फ महिलाएं और बच्चों की चित्कारें सुनाई दे रही हैं।
स्कार्पियो के उड़ गए परखच्चे
सेवापुरी के पूर्व ब्लॉक प्रमुख डॉ तेग बहादुर सिंह और पूर्व जिला पंचायत डॉ हर्षवर्धन सिंह गुरुवार सुबह काफिले के साथ लखनऊ पहुंचे, जहां भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद वापस लौट रहे थे। बताया जाता है कि सुल्तानपुर के वल्दी राय थाना के चौकी देहली बाजार में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर काफिले में शामिल स्कार्पियो का टायर ब्रस्ट हो गया। डिवाइडर से टकराकर पलट गई। स्कार्पियो के परखच्चे उड़ गए।
तेज आवाज के बाद पहुंचे लोगों ने वाहन में फंसे लोगों को एक-एक कर बाहर निकाला। हादसे में जंसा थाना के खरगूपुर गांव निवासी विकास मिश्रा (32), अखिलेश मिश्रा (41) व खुत्थन राजभर (41) और मिर्जामुराद थाना अंतर्गत रूपापुर निवासी कैलाश शुक्ला (55) की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।जबकि खरगूपुर गांव के रहने वाले लक्ष्मण मिश्रा (42), दुर्गेश मिश्रा (30) और बरनी निवासी प्रदीप सिंह (42) वर्ष गंभीर रूप से घायल है। गांव में घटना की जानकारी मिलते ही ग्राम प्रधान सहित सभी परिजन बदहवाश हाल में सुल्तानपुर को रवाना हुए।
खरगूपुर में अखिलेश मिश्रा और अजय मिश्रा, खुत्थन राजभर की मौत ने परिजनों को बेदम कर दिया। घर के पुरूष सदस्य तो घटनास्थल को रवाना हुए वहीं घर की महिलाएं इस हादसे से बेसुध रहीं। हादसे की सूचना मिलते ही गांव में शाम को जलने वाले चूल्हे बुझ गए। अखिलेश, विकास और खुत्थन के घर देर रात तक ढांढ़स बंधाने के लिए लोगों की भीड़ एकत्रित होती रही। आसपास गांव के लोग भी पहुंच गए। जंसा थाना अंतर्गत खरगूपुर गांव निवासी रहे अखिलेश मिश्रा और विकास मिश्रा के परिजन एकदम बेसुध रहे। विकास की मां यही कहती रही कि हे भगवान, ऐतना बड़ा अनर्थ काहे हमरे संगे कईलन… हमरे ललनवा के जिनगियां हमसे काहे छिनलन। हूबहू यही गमगीन माहौल अखिलेश मिश्रा के घर का रहा। मौजूद हर किसी की आंखें नम को उठी। वहीं रूपापुर में कैलाश शुक्ला के बेटे और बेटियों के करुण क्रंदन से माहौल गमगीन रहा।
काश, बेटा मान लिया होता बात
हादसे से दुखी परिजनों में आक्रोश और पछतावा भी है। विकास मिश्रा की मौत से दुखी परिजन नियती को कोस रहे हैं। विकास के पिता केशव और उसकी मां ने बिलखते हुए बताया कि लखनऊ जाने के लिए मना किया था। बेटा यदि बात मान लिया होता तो शायद आज वह हमारे आंखों के सामने रहता। पिता केशव तुरंत ही सुल्तानपुर को रवाना हो गए।