फेसबुक पर प्रेमजाल में फंसा 100 से अधिक लोगों से ठगी,

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उत्तरी जिले की साइबर थाना पुलिस ने फेसबुक पर लोगों को प्रेमजाल में फंसाकर ठगी करने वाली युवती को गिरफ्तार किया है। आरोपी खुद को यूके, यूएई या दूसरे देशों का नागरिक बताती थी। वह लोगों को महंगे तोहफे भेजने के नाम पर शिकार बनाती थी। आरोपी की पहचान महक (29)(बदला हुआ नाम) के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपी के पास से 13 मोबाइल फोन, 16 सिमकार्ड, एक वाईफाई डिवाइस बरामद करने के अलावा छह फेसबुक और एक इंस्टाग्राम अकाउंट का पता लगाया है। शुरुआती पूछताछ के बाद महक ने बताया कि वह 100 से अधिक लोगों के साथ ठगी कर चुकी है।उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त सागर सिंह कलसी ने बताया कि पिछले दिनों गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम पोर्टल पर बुराड़ी निवासी धर्मराज ने ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी। पीड़ित ने बताया कि पिछले दिनों उनके फेसबुक पर अमारा गुजराल महिला ने फेसबुक दोस्ती के लिए रिक्वेस्ट भेजी। 

धर्मराज ने उसे स्वीकार कर लिया। कुछ दिनों बाद अमारा ने उससे चैटिंग शुरू कर दी। वह खुद को यूके निवासी बताती थी। अमारा ने बताया कि जल्द ही वह दिल्ली आना चाहती है। वह यूके के नंबर से ही चैट करती रही। इस बीच उसने पीड़ित को अपने दिल्ली आने के एयर टिकट भी व्हाट्सएप किए। उसने जल्द ही धर्मराज से मिलने की बात की। जिस दिन अमारा को दिल्ली आना था कि उसी दिन उसके पास एक अन्य महिला का फोन आया।उसने खुद को मुंबई एयरपोर्ट पर कस्टम अधिकारी बताया। उसने कहा कि अमारा मोटी रकम और तोहफों के साथ आई हुई है। उसके पास भारतीय मुद्रा नहीं है, 34 हजार रुपये देकर उसे छुड़ाया जा सकता है। धर्मराज ने बताए गए खाते में रुपये डाल दिए। इसके बाद दोबारा उससे 50 हजार की मांग की गई।

पीड़ित ने रुपये देने से मना किया तो अमारा ने उसको फेसबुक पर ब्लॉक कर दिया। ठगी का पता चलने पर मामले की शिकायत दी गई। साइबर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी। थाना प्रभारी अजय दलाल, एसआई रोहित सरासवत की टीम ने मामले की जांच शुरू की। टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर जांच करते हुए टीम पहले गुलाबी बाग पहुंची। वहां से पता चला कि लड़की अपने घर नहीं बल्कि बहन के साथ तिलक नगर के कृृष्णापुरी में रहती थी। पुलिस ने महक को वहां से दबोच लिया। इसके पास से कुल 13 मोबाइल व अन्य सामान बरामद हुआ। महक ने बताया कि वह फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लोगों से दोस्ती कर गिफ्ट देने के नाम पर ठगी करती थी।

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