अवध एक्सप्रेस से बिहार से सूरत ले जाई जा रहीं छह बालिकाओं को जीआरपी ने शनिवार रात स्थानीय रेलवे स्टेशन पर पकड़ लिया। बालिकाओं को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर जांच में जुट गई। वहीं रविवार देर शाम पहुंचे बालिकाओं के परिजनों के बयान दर्ज करने के साथ पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है।
मामला नगर कोतवाली क्षेत्र स्थित रेलवे स्टेशन का है। शनिवार रात जीआरपी को अवध एक्सप्रेस ट्रेन से कुछ बालिकाओं को सूरत ले जाए जाने की सूचना मिली। इस पर इंस्पेक्टर अनूप कुमार वर्मा की टीम ने बिहार प्रांत के समस्तीपुर जिले के थाना विधान के बराही निवासी अकबर व सरताज को आठ से 10 वर्ष की छह बालिकाओं के साथ बाराबंकी रेलवे स्टेशन पर पकड़ लिया। पकड़े गए दोनों आरोपियों ने बताया कि वे बालिकाओं को सूरत के एक मदरसे में दीनी तालीम दिलाने के लिए दाखिल कराने जा रहे थे। उनके यहां मदरसा बंद है जबकि सूरत के मदरसे में खाने व ठहरने से लेकर पढ़ाई तक की व्यवस्था है।दोनों आरोपियों ने आगे बताया कि सूरत में उनके गांव की करीब 100 बालिकाएं पढ़ रही हैं। पकड़ी गई बालिकाओं में से एक का पिता सरताज ही है जबकि अन्य उसके गांव की हैं। इस पर जीआरपी ने बच्चियों के परिजनों से फोन पर बात की और उन्हें बाराबंकी बुलाया। इसके बाद बालिकाओं को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द करते हुए दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया।
देर शाम सभी बालिकाओं की मां आ गईं, उनके साथ कोई पुरुष नहीं था। उन्होंने बताया कि वे अपनी बेटियों को दीनी तालीम दिलाने के लिए सूरत के मदरसे में भेज रही हैं। परिजनों में सिर्फ महिलाओं के ही आने से मामला और भी संदिग्ध हो गया। ऐसे में पुलिस जहां आगे पूछताछ कर रही है, वहीं चाइल्ड लाइन बालिकाओं का मेडिकल परीक्षण कराकर उन्हें कोर्ट में पेश करने की तैयारी कर रहा है।जीआरपी के प्रभारी निरीक्षक अनूप कुमार वर्मा ने बताया कि मानव तस्करी के शक में बालिकाओं को दो आरोपियों के साथ पकड़ा गया है। परिवारीजनों से पूछताछ की जा रही है। सभी बालिकाओं की मांएं बेटियों को सूरत के मदरसे में पढ़ाई के लिए भेजने की बात कर रही हैं।
संदिग्ध परिस्थितियों में छह बालिकाएं दो युवकों के साथ ट्रेन में यात्रा कर रही थीं। सूचना मिली कि बालिकाएं ट्रेन में रो रही हैं, जो लोग उनके साथ में हैं वे डरा-धमका रहे हैं। इस पर उन्हें शनिवार की रात बाराबंकी रेलवे स्टेशन पर उतार लिया गया। पूछताछ में एक युवक बालिकाओं के गांव का तो दूसरा गौतमबुद्ध नगर का मिला। पूछने पर वह बालिकाओं व उनके माता-पिता का नाम नहीं बता पाया। इससे मामला संदिग्ध लगा। बालिकाओं का मेडिकल परीक्षण कराने के बाद उन्हें बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। बालिकाओं के संरक्षण की कार्यवाही चल रही है।