लखनऊ. अखिलेश्ा सरकार का सोमवार को 8वीं बार विस्तार हुआ। इसमें 10 नेताओं ने कैबिनेट मंत्री के पद पर शपथ ली। बर्खास्तगी के 15 दिन बाद ही गायत्री प्रजापति की वापसी हुई है। उन्हें 12 सितंबर को सीएम ने मंत्री पद से बर्खास्त किया था। शपथ लेने के बाद गायत्री ने अखिलेश यादव के 3 बार पैर छुए। इसके बाद उन्होंने मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव के भी पैर छुए। इस पर गवर्नर राम नाईक ने उन्हें टोक दिया। कहा कि अनुशासन में रहें। बता दें कि प्रजापति 3 साल में चौथी बार मंत्री बने हैं। और किसने ली शपथ। न्यूज एजेंसी यूएनआई के मुताबिक, गायत्री प्रजापति मंत्री पद की शपथ लेने के बाद तुरंत सीएम अखिलेश के पास गए और उन्होंने तीन बार उनके पैर छुए। बाद में वे मुलायम सिंह और शिवपाल यादव के पास गए और उनसे आशीर्वाद लिया।
इसके अलावा मनोज पांडेय, शिवाकांत ओझा और जियाउद्दीन रिजवी ने भी कैबिनेट पद की शपथ ली है ।अभिषेक मिश्र, नरेंद्र वर्मा और अंबेडकरनगर से विधायक शंखलाल मांझी ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। ये राज्य मंत्री से प्रमोट किए गए। मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर ट्रांसपोर्ट (स्वतंत्र प्रभार) यासिर शाह, मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर फिशरीज एंड पब्लिक एंटरप्राइजेज (स्वतंत्र प्रभार) रियाज अहमद और मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर फैमिली वेलफेयर (स्वतंत्र प्रभार) रविदास मेहरोत्रा को कैबिनेट मंत्री के रूप में प्रमोट किया गया है।
इस बीच, अखिलेश यादव ने राज्य मंत्री पप्पू निषाद को बर्खास्त कर दिया।
पितृपक्ष में हुआ कैबिनेट का विस्तार कहा जा रहा है कि हाल के दिनों में ऐसा पहली बार हुआ है, जब कोई शपथ ग्रहण समारोह पितृपक्ष के दौरान हुआ हो सियासी गलियारों में इसे शुभ नहीं माना जाता है।
अब ये है कैबिनेट की स्थिति
कैबिनेट मंत्री- 33
स्वतंत्र प्रभार- 9
राज्य मंत्री- 18
4 ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली
3 ने स्वतंत्र प्रभार से प्रमोशन पाया
3 ने राज्य मंत्री पद से प्रमोशन पाया
1 राज्य मंत्री को बर्खास्त किया गया
गायत्री प्रजापति ने चाैथी बार ली शपथ जब फरवरी 2013 में मंत्रिमंडल का पहली बार विस्तार हुआ था, तब गायत्री प्रजापति को सिंचाई राज्य मंत्री बनाया गया। इसके बाद जुलाई 2013 में वो सिंंचाई राज्य मंत्री से प्रमोट होकर खनन विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बने।
एक बार फिर प्रमोशन के बाद वे जनवरी 2014 में कैबिनेट मंत्री बने और उन्हें खनन विभाग मिला। उन्हें 12 सितंबर 2016 को बर्खास्त कर दिया गया था ।गायत्री पर करप्शन के आरोप हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा सीबीआई जांच के ऑर्डर के बाद गायत्री प्रजापति को मंत्री के पद से हटाया गया था।
वोट बैंक को साधने की कोशिश कहा जा रहा है कि चुनाव को देखते हुए सपा ने पंडित, पिछड़े और मुस्लिम समाज के लोगों को साधने की कोशिश की है। साथ ही, बीजेपी के सवर्ण वोटों को भी काटने की कोशिश है। शपथ ग्रहण समारोह में अहमद हसन, नावेद सिद्दीकी जैसे कई बड़े नेता मौजूद रहे।