बीती 28 जुलाई को उत्तर रेलवे के आलमबाग स्थित डीजल शेड में इंडियन ऑयल डिपो अमौसी से आने वाले दो डीजल टैंकरों में से एक टैंकर को चीफ लोको इंस्पेक्टर बीएस मीणा ने पार कर दिया। उसने कागजों में दो टैंकरों की आमद दर्ज की, जबकि आरपीएफ ने सिर्फ टैंकर का ही गेटपास बनाया और सीसीटीवी में भी एक टैंकर के आने की ही पुष्टि हुई।इसी क्रम में रविवार को आरपीएफ ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और पूछताछ की जा रही है। उसकी शिनाख्त पर शेड के सीएलआई चंद्रप्रकाश को भी गिरफ्तार किया गया है, जो तेल चोरी में शामिल था।
डीजल चोरी का मुख्य आरोपी बीएस मीणा कोर्ट में सरेंडर करने की तैयारी कर रहा था। उसने अपना मोबाइल बंद कर रखा था। उसके परिजनों के नंबरों को आरपीएफ ने सर्विलांस पर लगा रखा था। रविवार को वह अपने एक परिजन के साथ वकील से मिलने के लिए जा रहा था। इसी बीच आरपीएफ ने उसे दबोच लिया। उसने कोर्ट में एप्लीकेशन डाल दी थी।
अभी तक हुईं 7 गिरफ्तारियां
आरपीएफ ने डीजल टैंकर चोरी का मामला दर्ज कर तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी। पहले दिन टीम ने खलासी दिलनवाज को गिरफ्तार किया और उसके पास से बीस हजार रुपये बरामद किए। जिसके बाद ड्राइवर नीरज सिंह व क्लीनर अभिमान सिंह तथा ट्रक संचालक एवं कमलेश गुप्ता को गिरफ्तार किया। जोकि चोरी का तेल खरीदता था। इसी क्रम में सीएलआई बीएस मीणा और चंद्रप्रकाश सहित कुल सात गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।
चीफ लोको पायलट बीएस मीणा ने पूछताछ में बताया कि उसका सहयोगी सीएलआई चंद्रप्रकाश भी तेल चोरी में शमिल है। डीजल टैंकर चोरी से हुई कमाई में उसका भी सहयोग था। जिसके एवज में उसे हिस्से के रूप में 1,65,000 रुपये दिए गए थे। आरपीएफ ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया और उसके पास से तेल चोरी के 1,05,000 रुपये भी बरामद किए गए हैं।
डीजल शेड में टैंकर पार करने के बाद सीएलआई बीएस मीणा फरार हो गया था। जिसके बाद रेलवे प्रशासन ने उसकी जगह दूसरे सीएलआई चंद्रप्रकाश को जिम्मेदारी सौंप दी थी। चोर को ही डीजल की रखवाली की जिम्मेदारी सौंपने पर सवालिाय निशान लग रहे थे। अब जब उसकी मिलीभगत उजागर हुई है तो रेलवे ने तत्काल प्रभाव से उसे सस्पेंड कर दिया है।