अखिलेश सरकार में वन राज्यमंत्री पवन पांडे को मुलायम सिंह यादव ने छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया गया है. उन पर मुख्यमंत्री निवास में एमएलसी आशु मलिक को पीटने का आरोप है.
शिवपाल यादव ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को एक पत्र लिखकर राज्यमंत्री पांडे के खिलाफ कार्यवाही करने की गुजारिश की है. शिवपाल ने बताया समाजवादी पार्टी और परिवार में सब कुछ ठीक है और कहीं कोई मतभेद नहीं है.
मालूम हो कि वन राज्य मंत्री पवन पांडे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी मंत्री माने जाते हैं. विधान परिषद सदस्य आशु मलिक ने पांडे पर गत 24 अक्टूबर को सपा के मंत्रियों विधायकों तथा अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक के दौरान मचे हंगामे के बाद उनसे मारपीट करने का आरोप लगाते हुए इस सिलसिले में पुलिस में तहरीर भी दी थी. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को पांडे से मुलाकात कर के उनसे घटना के बारे में जानकारी ली थी.
कौन हैं पवन पांडे
अयोध्या से विधायक हैं
अखिलेश यादव के क़रीबी
2004 में लखनऊ यूनिवर्सिटी छात्रसंघ के उपाध्यक्ष
2013 में अखिलेश सरकार में मंत्री
2014 में ख़राब प्रदर्शन की वजह से इस्तीफ़ा
फिलहाल सरकार में वन राज्य मंत्री
वहीं यादव परिवार के झगड़े में सुलह के लिए तोलमोल जारी है. मुलायम चाहते है शिवपाल वापस मंत्री बनें और अखिलेश रामगोपाल की वापसी चाहते हैं, लेकिन मुलायम रामगोपाल को न लेने पर अड़े हुए हैं.
मुलायम, अखिलेश और शिवपाल के बीच 24 घंटे में हुई 4 बैठकें बेनतीजा रही हैं. यही नहीं मंगलवार को दिनभर अखिलेश के समर्थन में समाजवादी पार्टी दफ्तर के बाहर पार्टी की युथ विंग के लोग प्रदर्शन करते रहे.
वहीं मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एनडीटीवी से खास बातचीत में कहा कि उनको पार्टी के अध्यक्ष और उनके पिता ने मुख्यमंत्री बनाया है और अगर वह पद छोड़ने के लिए कहेंगे तो उनकी बात मानेंगे.
वहीं अमर सिंह पर अखिलेश यादव ने कहा कि मौजूदा संकट के लिए अमर सिंह ज़िम्मेदार हैं. अमर सिंह ही मौजूदा साज़िश के पीछे हैं.अमर सिंह सपा अध्यक्ष से दोस्ती का फ़ायदा उठा रहे हैं.
उन्होंने रामगोपाल यादव पर कहा कि उनकी कोई भूमिका नहीं है. मंत्रियों को हटाने की सलाह उन्होंने नहीं दी. पार्टी और चुनावों के प्रचार को लेकर वह बोले कि पार्टी नहीं छोड़ूंगा. चुनाव के रंग में हूं. 25 साल के जश्न में शामिल रहूंगा. दूसरे पार्टी तोड़ने की साजिश कर रहे हैं उनसे लड़ूंगा.