जौहरनपुरवा निवासी राम सिंह पाल की बेटी कल्याणपुर के एक निजी अस्पताल में काम करती थी। सुभाष नगर शिवली निवासी संदीप कुशवाहा इसी अस्पताल में लैब टेक्नीशियन था।
वह राम सिंह की बेटी से एक तरफा प्यार करता था। इसके चलते राम सिंह बेटी की नौकरी छुड़वाकर उसे गांव लेकर चले गए और शादी तय कर दी थी। इसका पता चलने पर संदीप ने राम सिंह से झगड़ा भी किया। इसके बाद चचेरे भाई मोनू उर्फ आशीष कुशवाहा के साथ मिलकर राम सिंह की हत्या की साजिश रची।17 अगस्त की देर शाम मोनू की मदद से राम सिंह को बुलाया और गांव के पास से ही वैन से अगवा कर ले गए। नशे की गोलियां डालकर राम सिंह को जबरन शराब पिलाई। बेहोश होने पर दोनों ने लाठी-डंडों से पीटकर राम सिंह की हत्या कर दी। शव यमुना पुल के पास झाड़ियों में फेंक दिया। मंगलवार को शव मिलने पर परिजनों ने शिनाख्त की थी।
राम सिंह के मोबाइल नंबर की सीडीआर निकाली गई। इसमें लापता होने के समय पर आशीष का मोबाइल नंबर मिला। वहीं कुछ मिनट पहले इसी नंबर से संदीप से बात होने की पुष्टि हुई। इसके बाद पुलिस ने संदीप को उठाकर पूछताछ की। उसने पूरी घटना कबूली और फिर आशीष को उठाया गया। आशीष बीएससी अंतिम वर्ष का छात्र है।
राम सिंह पाल 17 अगस्त को लापता हो गए थे। परिजनों ने दूसरे ही दिन गुमशुदगी दर्ज कराई थी। इस बीच उनका कुछ पता नहीं चलने पर आक्रोशित परिजनों ने 22 अगस्त को सड़क जाम कर थाने का घेराव किया था। लापता होने के करीब 10 दिन बाद राम सिंह का शव मिला।