हैलो, पुलिस कंट्रोल रूम…सर, गर्लफ्रेंड फोन नहीं उठा रही है, प्लीज उसके घर जाकर जरा बता करवा दीजिए। हैलो डायल 112…मैं सलमान खान से शादी करना चाहती हूं, शादी करवा दो। पुलिस वाले भइया, मेरी बीबी लड़ाई करके मायके चली गई है, जरा कहला दो कि मोबाइल पर बात कर ले। अरे, मेरा कुत्ता खो गया है, जरा पता करा दीजिए।
डायल 112 पुलिस कंट्रोल में आ रहीं ऐसी कॉल पुलिस के लिए सिरदर्द बनी हुई हैं। इन पर कार्रवाई न होने से पुलिस कभी हंसकर तो कभी गुस्से में ऐसे लोगों बार-बार समझा रही, लेकिन कॉल करने वाले भला कहां मानने वाले हैं। मजाक-मजाक में रोज आठ-दस ऐसी कॉल कंट्रोल रूम में पहुंच रही हैं। पुलिस का कहना है कि फर्जी कॉल के साथ-साथ इस तरह की कॉल विभाग के लिए कई बार संकट पैदा कर देती हैं। ऐसे लोगों की कॉल के कारण डायल 112 की लाइन बिजी हो जाती है और ऐसे में आपातकाल की स्थिति में कॉल करने वालों को दिक्कत होती है। ऐसी कॉल की संख्या महीने में अक्सर 100 से अधिक रहती है।
डॉयल 112 नंबर इमरजेंसी सेवाओं व आपातकाल की स्थिति में पुलिस को सूचना देने के लिए सबसे बेहतरीन सुविधा है। संकट के समय कोई भी व्यक्ति अपने फोन से 112 नंबर डायल करके यहां इमरजेंसी सेवा का लाभ ले सकता है। झांसी में भी पुलिस लाइन में 112 का कंट्रोल रूम है। आपात की स्थिति में 112 नंबर पर कॉल करने वाले हर व्यक्ति की समस्या या सूचना को संबंधित थाने, विभागों व अधिकारी तक तुरंत पहुंचाया जाता है। पुलिस कंट्रोल रूम में बार-बार मजाकिया और फर्जी कॉल करने वालों को पुलिस बताती है कि यह इमरजेंसी सेवा है। झूठी कॉल करने पर आप पर कार्रवाई भी हो सकती है। ऐसे में कॉल करने वाले कुछ लोग तो सॉरी बोलकर मान जाते हैं लेकिन कई ऐसे भी हैं जो कभी मानते ही नहीं, ऐसे लोग बार-बार कॉल करते हैं और पुलिस परेशान होती है। कंट्रोल रूम की मानें तो जो लोग बार-बार कॉल करते हैं उनका नंबर ट्रेस करके उन्हें हिदायत दी जाती है। कंट्रोल रूम की मानें तो ऐसे कई लोग इतनी बार मजाकिया कॉल करते हैं कि पुलिस वालों को अब उनके नाम भी याद हो गए हैं।