दिग्विजय सिंह ने अपने एक बयान में, सेना और आतंकियों को दिया बराबर का दर्ज़ा

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कश्मीर विवाद के बीच कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने एक विवादास्पद बयान दिया है.  उन्होंने कहा है कि कश्मीरी लोगों को एक तरफ आतंकवादी मारते हैं, दूसरी तरफ भारतीय सेना के जवान. दिग्विजय सिंह के इस बयान के बाद सवाल उठ रहा है कि वो भारतीय सेना पर इस तरह के इल्जाम लगाकर चाहते क्या हैं?

भारतीय सेना पर इतना बड़ा इल्जाम लगाते हुए दिग्विजय सिंह ने उस वीडियो को भी साफ दरकिनार किया है जिसमें सीआरपीएफ के जवानों को कश्मीरी गुंडे सरेआम पीट रहे हैं. सीआरपीएफ के जवान को जब पीटा जा रहा था जब उसके कंधे पर हथियार टंगा हुआ था लेकिन उसने हथियारों के इस्तेमाल की बजाय बदसलूकी को बरदाश्त करना पसंद किया और यहां दिग्विजय सिंह उल्टी गंगा बहा रहे हैं.

अगर ये बयान देते समय दिग्विजय सिंह के दिल दिमाग में सेना की जीप पर बंधे उस कश्मीरी की तस्वीर है तो उन्हें पता होना चाहिए कि यहां भी सेना ने पत्थरबाजों से अपनी रक्षा के लिए इस पत्थरबाज को जीप के आगे बांधा था और बाद में उसे सुरक्षित छोड़ भी दिया.

दिग्विजय सिंह ने भारतीय सेना पर इतना बड़ा इल्जाम तो लगा दिया लेकिन उन्होंने उन पत्थरबाजों के खिलाफ एक शब्द नहीं कहा जो खुलेआम भारत विरोधी नारे लगाते हैं और सेना के जवानों पर हमला करते हैं.

मोदी सरकार की कश्मीर नीति पर निशाना साधते हुए दिग्विजय सिंह ने पाकिस्तान से युद्ध की आशंका जताई है लेकिन यहां भी वो इस बात का जिक्र करना भूल गये कि कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद के पीछे असली हाथ पाकिस्तान का ही है.

क्या है मामला?

श्रीनगर के बाहरी हिस्से पुलवामा में 9 अप्रैल को कश्मीर में सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स यानि सीआरपीएफ के जवान राज्य में हुए उपचुनाव में चुनाव सुरक्षा ड्यूटी करने के बाद अपने बैरक में लौट रहे थे. इसी दौरान कश्मीर के युवकों ने उनपर पत्थर से हमला कर दिया था. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाबलों को गोली भी चलानी पड़ी थी.

पांच लोग हो चुके हैं गिरफ्तार

सीआरपीएफ के जवान को पत्थर मारने के बाद एक वीडियो वायरल हुई थी. एबीपी न्यूज़ की पड़ताल में ये वीडियो सच साबित हु्आ था. एबीपी न्यूज़ की खबर का असर दिखा और  पुलिस ने 5 युवकों को गिरफ्तार कर लिया है.

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