इलाहाबाद हाईकोर्ट के 150 वर्ष पूरे होने पर मंच पर दिखेंगे पीएम मोदी और सीएम योगी

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इलाहाबाद: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पहली बार सार्वजनिक मंच पर एक साथ नज़र आएंगे. दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट की स्थापना के डेढ़ सौ साल पूरे होने पर आज एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया है जिसमें पीएम मोदी और योगी दोनों शिरकत कर रहे हैं.

एक साथ मंच साझा करेंगे पीएम मोदी और सीएम योगी:
19 मार्च जब योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी तब पीएम नरेन्द्र मोदी भी उस समारोह का हिस्सा थे. बीजेपी को यूपी में मिली बंपर जीत दोनों के चेहरों पर साफ झलक रही थी और आज एक बार फिर शपथ लेने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ एक साथ, एक मंच पर होंगे

इलाहाबाद हाईकोर्ट की स्थापना के डेढ़ सौ बरस पूरे होने पर आज एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. पीएम मोदी और सीएम योगी के अलावा कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जे एस खेहर और केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद भी मौजूद रहेंगे.

हाईकोर्ट की स्थापना के डेढ़ सौ साल पूरे होने पर साल भर तक चलने वाले कार्यक्रम का उद्घाटन पिछले साल 13 मई को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने किया था. जिसका आज समापन हो रहा है, इसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ एक मंच पर नज़र आएंगे, इस भव्य आयोजन के लिए तैयारियां भी पूरी कर ली गयी हैं.

हाईकोर्ट की इमारत को  सजा दिया गया है, कार्यक्रम सुबह करीब 10:30 बजे शुरू होगा और दोपहर करीब सवा बारह बजे तक चलेगा, हाईप्रोफाइल कार्यक्रम की वजह से सुरक्षा के बेहद कड़े इंतज़ाम किए गए हैं.

इलाहाबाद हाईकोर्ट से जुड़ी खास बातें:
इलाहाबाद हाईकोर्ट एशिया का सबसे बड़ा और सबसे पुराना हाईकोर्ट है, इसकी स्थापना 17 मार्च 1866 में हुई थी, अपनी स्थापना के इसने 151 साल पूरे कर लिए हैं, हाईकोर्ट की एक बेंच लखनऊ में है जिसमे राजधानी लखनऊ समेत आठ ज़िलों से जुड़े मामलों की सुनवाई होती है।

सर वॉल्टर मॉर्गन इलाहाबाद हाईकोर्ट के पहले चीफ जस्टिस थे, स्थापना के वक्त यहां सिर्फ 6 जज ही थे, फिलहाल यहां जजों के 160 पद हैं, करीब 17 हजार से ज्यादा वकील हाईकोर्ट से जुड़े हुए हैं, देश का ये पहला हाईकोर्ट है जिसके पास अपना म्यूजियम और आर्काइव गैलरी है

हाईकोर्ट की स्थापना पहले आगरा में की गयी थी, 3 साल तक सभी मुकदमों की सुनवाई आगरा में ही हुई जिसके बाद 1869 में इसे इलाहाबाद शिफ्ट कर दिया गया. मौजूद इमारत में हाईकोर्ट को 1916 में लाया गया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट में देश के कई बड़े और ऐतिहासिक फैसले दिए गए हैं.

इसी कोर्ट में प्रधानमंत्री रहते हुए इंदिरा गांधी का निर्वाचन रद्द किया गया, 1998 में यूपी के मुख्यमंत्री जगदंबिका पाल को सीएम पद से हटाने का फैसला दिया, 2010 में राम मंदिर विवाद पर जमीन बंटवारे का ऐतिहासिक फैसला सुनाया.

 

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