दिल्ली के सभी जिले रेड जोन में,

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राजधानी के सभी जिलों की संक्रमण दर हफ्ते भर से लगातार दस फीसदी से ऊपर बनी हुई है। नतीजतन पांचवीं लहर में सभी जिले रेड जोन में तब्दील हो गए हैं। इनमें से किसी जिले में 10 में से एक तो किसी में चार-चार नमूने तक पॉजिटिव मिल रहे हैं। सबसे ज्यादा संक्रमण दर उत्तर पश्चिम और सबसे कम दक्षिण पश्चिम जिले की है। दोनों जिलों में इससे जुड़ा आंकड़ा 25.44 व 12.12 फीसदी है।

दरअसल, किसी जिले या स्थान को रेड जोन में तब डाला जाता है, जब वहां की साप्ताहिक संक्रमण दर लगातार 10 फीसदी या उससे ऊपर रहती है। बीते एक सप्ताह में दिल्ली के सभी जिलों में संक्रमण दस फीसदी से ऊपर की दर से बढ़ रहा है। तीन से नौ जनवरी के बीच संक्रमण में तेजी से इजाफा हुआ है। इसके बाद के आंकड़े अभी स्थिर बने हुए हैं।स्वास्थ्य विभाग की जिलावार संक्रमण रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि जहां रोजाना 90 फीसदी से भी अधिक नमूनों की जांच आरटी पीसीआर से हो रही है, वहां संक्रमण दर बाकी जिलों की तुलना में कम है। जबकि जहां एंटीजन जांच और आरटी पीसीआर के बीच अंतर कम है, उन जगहों पर करीब दोगुने से अधिक नमूने संक्रमित मिल रहे हैं।

इस ट्रेंड पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार ने कोरोना जांच के लिए नियम बनाए हैं। इसके अनुसार हर दिन 60 फीसदी नमूनों की जांच आरटी-पीसीआर और 40 फीसदी जांच एंटीजन किट्स के जरिये की जा सकती है। दिल्ली में 70 फीसदी से भी अधिक जांच आरटी-पीसीआर के जरिये हो रही है। कुछ जिलों में इस रिपोर्ट के माध्यम से एंटीजन जांच को लेकर तथ्य सामने आए हैं।दक्षिण पश्चिम और उत्तर पश्चिम जिला सबसे बेहतर उदाहरण हैं। एक में सबसे अधिक और दूसरे में सबसे कम संक्रमण दर है। दक्षिण पश्चिम में 94 फीसदी की जांच आरटी पीसीआर से हुई। यहां संक्रमण दर 12.12 फीसदी ही है। इसके उलट उत्तर पश्चिम में 34 फीसदी नमूनों की जांच एंटीजन और 66 फीसदी की जांच आरटी-पीसीआर से हुई। इस जिले की संक्रमण दर सबसे ज्यादा 25.44 फीसदी है।

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