सरकारी विभागों से डाटा चोरी कर करोड़ों रुपये खातों से उड़ाने वाले गिरोह का पर्दाफाश विभूतिखंड पुलिस ने किया। गिरोह के सदस्य आईजीआरएस और रजिस्ट्री के लिए दर्ज किए गए फिंगर प्रिंट का डाटा चोरी करने के बाद क्लोनिंग करते थे। इसके बाद रबर का क्लोन अंगूठा बनाकर संबंधित डाटा मालिक के खाते से रकम उड़ा लेते थे। पुलिस ने इस गिरोह के तीन आरोपियों को अवध बस स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया है। उनके पास से 2.98 लाख रुपये, एक कार, 100 से अधिक अंगूठा क्लोन, लैपटॉप, मोबाइल सहित कई सामान बरामद हुआ।
एडीसीपी पूर्वी एसएम कासिम आब्दी के मुताबिक 9 फरवरी को एचपीएस इंफार्मेटिक के निदेशक समीर कुमार ने गोरखपुर निवासी अजीत कुमार निषाद, दीनदयाल निषाद और किशन कुमार निषाद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें आरोप लगाया कि तीनों ने करीब 40 लाख रुपये का हेरफेर किया है। इस मामले की जांच पुलिस कर रही थी। अतिरिक्त निरीक्षक विनोद यादव की टीम को बुधवार सुबह अवध बस स्टॉप के पास से गोरखपुर के बांसगांव धनौरा बुजुर्ग निवासी राजेश राय, राहुल कुमार राय और रामसरन गौड़ को गिरफ्तार किया गया।
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि अंगूठा स्कैन करने का केाई जुगाड़ मिल जाए तो खाते से रकम निकाल सकते हैं। सरकार की भू-लेख वेबसाइट में यूपी के सभी जिलों में रहने वाले लोगों की सभी जानकारी उपलब्ध रहती है। साथ ही आधार कार्ड व रजिस्ट्री की भी पूरी जानकारी अंगूठे के निशान सहित मौजूद है। ये लोग आधार में मौजूद अंगूठे के निशान की छाप उसका बटर पेपर पर प्रिंट निकाल लेते थे। इसके बाद हीटिंग मशीन के माध्यम से अंगूठे के निशान को रबड़ पर निकाल लेते थे। फिर उसी रबड़ पर मौजूद अंगूठे के निशान से बैंको से पैसा निकालते थे। इसके बाद खातों से रकम उड़ाते थे। जिसके खाते से पैसे निकालते थे उसे कोई शक न हो जाए इसके लिए थोड़ी-थोड़ी रकम खाते से निकालते थे। एक बार और एक दिन में खाते से सिर्फ 10 हजार रुपये ही निकालते थे। ऐसा करके कई दिनों में ही पूरा खाता साफ कर देते थे।
कई कंपनियों के नाम पर बनाई थी फर्जी आईडी
प्रभारी निरीक्षक विभूतिखंड चंद्रशेखर सिंह के मुताबिक जालसाजों ने कुबूल किया कि ठगी के लिए उन्होंने कई फर्जी आईडी बना रखा था। इन्ही ई-वॉलेट में रुपये ट्रांसफर करते थे।