जूनियर महिला जज द्वारा शिकायत वापस लेने के बावजूद मध्य प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा शुरू की गई अनुशासनात्मक कार्यवाही को पूर्व जिला जज ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि हम यौन उत्पीड़न के मामलों को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। साथ ही पीठ ने पूर्व जिला जज को अपनी याचिका वापस लेने के लिए कहा।
पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि आप बहुत पतली रेखा पर चल रहे हैं। आप किसी भी समय गिर सकते हैं। आपके पास विभागीय जांच में बरी होने का मौका हो सकता है। आपको जांच कमेटी के पास जाना चाहिए।
सुनवाई के बाद पीठ ने कहा कि वह इस संबंध में संक्षिप्त आदेश पारित करेगी और याचिका खारिज कर दी जाएगी। हालांकि याचिकाकर्ता के वकील ने याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी और कहा कि उन्हें जांच कमेटी के समक्ष जाने की आजादी दी जाए।