महानगर इलाके के एक उम्रदराज व्यापारी को कुछ दिनों पहले फेसबुक व इंस्टाग्राम पर एक लड़की की रिक्वेस्ट आई। साथ ही कुछ मेसेज भी आए। उन्होंने रिक्वेस्ट स्वीकार की तो युवती ने चैटिंग शुरू कर दी। फिर मोबाइल नंबर का आदान-प्रदान हुआ और बातचीत शुरू हो गई। इस बीच युवती ने व्यापारी को वीडियो कॉल करके अश्लील बातचीत करते हुए वीडियो बना लिया। फिर व्यापारी को ये वीडियो भेजकर सोशल मीडिया पर बदनाम करने की धमकी देकर पांच करोड़ रुपये की मांग की गई। कई बार बातचीत के बाद व्यापारी पांच लाख रुपये देने को राजी हो गए। आरोपियों ने रकम जमा करने के लिए उन्हें एक बैंक का खाता नंबर बताया था। मगर इसी बीच व्यापारी को एक बार फिर कॉल करके 30 करोड़ रुपये की मांग की गई। जिसके बाद 22 जून 2021 को उन्होंने महानगर कोतवाली में मोबाइल नंबरों के आधार पर अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी।
महानगर इंस्पेक्टर प्रदीप सिंह ने बताया कि साइबर क्राइम टीम की मदद से सोमवार को चारबाग रेलवे स्टेशन से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पकड़े गए मोहित सिंह निवासी ग्राम व पोस्ट भाभमई रागौल मोदहा, हमीरपुर और विवेक सिंह निवासी स्वराज कॉलोनी, बांदा के पास से ब्लैकमेलिंग के इस्तेमाल किए गए दो मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। ब्लैकमेलिंग में शामिल आरोपियों की बहन की तलाश की जा रही है।
इंस्पेक्टर प्रदीप सिंह ने बताया कि मोहित क्रिकेटर है और स्नातक कर रहा विवेक उसका ममेरा भाई है। इन दोनों ने फेसबुक पर दोस्ती करके अश्लील वीडियो बनाकर रकम वसूलने की अखबारों में खबरें पढ़ने के बाद इसी तरह से पैसे कमाने की साजिश रची थी। इसके लिए किसी युवती की जरूरत होने के चलते प्रदीप ने अपनी विवाहित बहन को साजिश में शामिल कर लिया। उसने ही व्यापारी को बातों में फंसाकर वीडियो बनाया था। इंस्पेक्टर ने बताया कि तीनों भाई-बहन का कोई क्राइम रिकार्ड नहीं है। नासमझी व लालच के चलते ये तीनों अपराध के दलदल में फंस गए।
दरअसल मोहित व विवेक ने व्यापारी से वसूली के लिए अपने ही मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया था। इस वजह से व्यापारी के पांच लाख रुपये देने को राजी होने पर भी मोहित घबराकर प्रयागराज चला गया था। वह अपना मोबाइल घर में ही छोड़ गया था। इस पर मोहित की बहन ने समझा कि वह व्यापारी से पांच लाख रुपये वसूलकर घूमने-फिरने चला गया है। उसने विवेक से बात करके व्यापारी से तीन करोड़ रुपये मांगने को कहा। मगर विवेक को कम सुनाई देता है। इसके चलते उसने तीन करोड़ को 30 करोड़ समझ लिया। विवेक ने व्यापारी को फोन करके 30 करोड़ मांगे तो उन्होंने रिपोर्ट दर्ज करा दी।
व्यापारी से पांच लाख रुपये वसूलने के लिए विवेक ने पड़ोस में स्थित जनसेवा केंद्र से एक खाता नंबर लेकर दे दिया था। इस खाते को महानगर पुलिस ने जब सीज करा दिया तो खाताधारक ने बांदा पुलिस से शिकायत की। बांदा पुलिस को छानबीन में लखनऊ की महानगर पुलिस द्वारा खाता सीज कराने की जानकारी मिली। बांदा पुलिस ने महानगर इंस्पेक्टर से बात की तो आरोपियों की पहचान हो गई।