नरेश कुमार को बीएसएनएल का सीयूजी नंबर मिला है। वह व्हाट्सएप अपने निजी नंबर पर चलाते हैं। सीयूजी नंबर को वह सिर्फ बातचीत के लिए प्रयोग में लाते थे। तीन सितंबर को नरेश के दोस्त शरद श्रीवास्तव ने उन्हें बताया कि उसके सीयूजी नंबर पर कोई व्यक्ति व्हाट्सएप का प्रयोग कर रहा है। शरद ने इस संबंध में एक स्क्रीन शाट भी नरेश को भेजा। वह हैरान रह गए। पिछले पांच सालों से उन्होंने इस नंबर पर व्हाट्सएप नहीं चलाया था।
उन्होंने पता लगाया कि व्हाट्सएप चलाने वाले जालसाज ने कई लोगों को मैसेज भेजकर नौकरी दिलाने की बात कही है। उसने पैसे भी मांगे हैं। इसी कारण उनके मोबाइल नंबर पर पिछले कुछ समय से तमाम अंजान लोगों के फोन भी आ रहे हैं। पहले तो उन्हें कुछ समझ नहीं आया। अब पता चला कि जालसाज ने ही उनका मोबाइल नंबर लोगों को दिया है। इंस्पेक्टर कैंट ने बताया कि नरेश कुमार की तहरीर पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। इस मामले में साइबर थाने की भी मदद ली जा रही है। जल्द ही जालसाज को पकड़ लिया जाएगा।