कानपुर के आसपास सेना पहुंचा रही राहत सामग्री,

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बाढ़ की वजह से वरुणा के तटवर्ती इलाकों में घरों में पानी प्रवेश कर चुका है। गंगा में उफान से निचले इलाकों में दहशत का माहौल है। जलस्तर बढ़ने के कारण जहां शहरी कॉलोनियों में पानी घुसने लगा है, वहीं गलियों में भी नाव चलनी शुरू हो गई हैं। अस्सी-नगवां मुख्य मार्ग पर गंगा का पानी चढ़ने से रास्ता बंद कर दिया गया है। घाट से जुड़ी गलियों में बाढ़ का पानी चढ़ने से नौका संचालन किया जा रहा है। वरुणा पार इलाके में दुश्वारियां बढ़ने से तेजी से पलायन हो रहा है। रविवार  सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 70.96 मीटर पर था। 11 बजे गंगा का जलस्तर 70.98 मीटर पहुंच गया। 12 बजे से गंगा में दो सेमी प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़ोतरी होने लगी और शाम सात बजे तक जलस्तर 71.14 मीटर तक पहुंच गया।

सीएम आज करेंगे इटावा-औरैया का हवाई दौरा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज औरैया व इटावा के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। वह जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक कर इन जिलों में संचालित राहत व बचाव कार्यों की मौके पर समीक्षा भी करेंगे। जिला प्रशासन के मुताबिक यमुना में आई बाढ़ से अजीतमल और औरैया तहसील के 24 गांव प्रभावित हैं। सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बाढ़ प्रभावित गांवों का दोपहर में हवाई दौरा करेंगे। इटावा में बाढ़ से प्रभावित यमुना नदी के उत्तरी किनारे के बकेवर व लवेदी क्षेत्र के गांवों लखनपुर घार, कछपुरा, अन्दावा मडैया, मड़ैया, दिलीपनगर, मडैया मल्हान, पठा, चिन्डोली, मुचाई आदि गांवों का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को हवाई सर्वेक्षण कर जायजा लेंगे। मुख्यमंत्री यमुना नदी के साथ-साथ जलस्तर बढ़ने से प्रभावित नदी के दोनों किनारे के बाढ़ से प्रभावित हुए तहसील क्षेत्र के करीब 30 से अधिक गांवों का हवाई सर्वेक्षण कर नुकसान का जायजा लेंगे। मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर प्रशासन तैयारी में जुटा है।

कानपुर बांदा मार्ग प्रभावित, कई जगह पर लोगों को रही परेशानी
यमुना की सहायक नोन और ससुर खदेरी नदी भी उफान पर हैं।  इन दोनों नदियों पर बने पुल बाढ़ में डूब गए हैं। इस कारण से यातायात बुरी तरह से प्रभावित है और वाहनों का आवागमन बंद हो गया है। लोग नाव से पार होकर आवागमन कर रहे हैं। दर्जनों गांवों से संपर्क टूट गया है। वहीं, गंगा का जलस्तर 24 घंटे से स्थिर है। मात्र पांच सेमी पानी बढ़ा है। बाढ़ नियंत्रण रिपोर्ट के अनुसार यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से 90 सेमी ऊपर बह रहा है। जबकि गंगा नदी चेतावनी निशान से 40 सेमी ऊपर है। 

संगमनगरी में खतरे के निशान के पार हुईं गंगा-यमुना, हालात बिगड़े
रविवार की रात गंगा-यमुना खतरे के निशान को पार कर गईं। हमीरपुर में केन और बेतवा के खतरे के निशान से ऊपर जाने के बाद माताटीला बांध से तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ दिया गया है। उधर, कानपुर बैराज से भी 2.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से गंगा के जलस्तर में वृद्धि जारी है। यही हाल रहा तो आज बाढ़ शहरी इलाकों की ओर रुख कर सकती है।

गजरौला: हरिद्वार से पानी छोड़े जाने के कारण बढ़ा गंगा का जलस्तर
पहाड़ों पर हो रही बरसात और हरिद्वार से 87007 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण गंगा का जल स्तर बढ़ गया है। बाढ़ का पानी खेतों में भरने लगा है। खादर के इलाकों और टापू में बसे ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पहाड़ों पर कई दिन से हुई बारिश के चलते रविवार को हरिद्वार से गंगा में 87007 हजार और बिजनौर बैराज से 84074 पानी छोड़ा गया। जिसके चलते तिगरी में गंगा का जल स्तर सुबह आठ बजे 200.15 मीटर हो गया, जबकि एक दिन पूर्व शनिवार को 200.00 मीटर था। गंगा का जल स्तर बढ़ने से खादर के इलाकों और गंगा व रामगंगा पोषक नहर के टापू में बसे ग्रामीणों की परेशानी बढ़ गई है। बाढ़ का पानी खेतों के अलावा गांवों में भी भरने लगा है। पहले से ही बाढ़ के कारण परेशानी झेल रहे दारानगर, शीशों वाली, भुड्डी वाली, ओसीता जगदेवपुर के लोगों की बढ़ते जल स्तर ने मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।

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