बहुत ही खतरनाक हथियार है सनकी तानाशाह के हाँथ में…

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कहते हैं कि एक एटम बम एक पूरी की पूरी नस्ल को तबाह करने के लिए काफी है और इस वक्त पूरी दुनिया में ऐसे एक-दो नहीं बल्कि 15493 एटम बम हैं. और ये गिनती अभी और बढ़ेगी क्योंकि कई देश चोरी-छुपे या खुलेआम अब भी एटम बम बनाने में लगे हैं. इनमें सबसे ऊपर नाम उत्तर कोरिया का है. वैसे उरी में आर्मी कैंप पर हुए आतंकवादी हमले के बाद जिस तरह से भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ रहा है, उसे देखते हुए ये जानना जरूरी है कि आखिर भारत और पाकिस्तान के पास कितने परमाणु बम हैं और किसका बम दूर तक मार कर सकता है.

सरहद के उस पार भी और सरहद के इस पार भी तनाव बराबर बना हुआ है. रविवार को उरी में सेना के कैंप पर हुए आतंकवादी हमले के बाद से हर ऑप्शन खुला होने की बात कही जा रही है. जवाबी कार्रवाई, जवाबी हमला, कूटनीति से मार, राजनीति से चित, यहां तक कि जंग तक लड़ने की बात की जा रही है. फिर सभी को अचानक ख्याल आता है कि हिंदुस्तान और पाकिस्तान दोनों ही परमाणू बमों से लैस देश हैं. कहीं दोनों में परमाणु युद्ध छिड़ गया तो क्या होगा?

भारत-पाक के पास कितने एटम बम?

इस वक्त पूरी दुनिया में कुल 15493 परमाणु बम हैं, जो 13 हजार किलोमीटर से लेकर 15 हजार किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकते हैं. जानकारों की मानें तो इनमें से आधे परमाणु बम भी इस्तामेल हुए तो दुनिया के नक्शे से दुनिया का नामोनिशान मिट जाएगा. इस वक्त रूस के पास 7300 परमाणु बम, अमेरिका के पास 7100, फ्रांस के पास 300, चीन के पास 260, इंग्लैंड के पास 215, पाकिस्तान के पास 120, भारत के पास 110, इजराइल के पास 80 और उत्तर कोरिया के पास 8 परमाणु यानि एटम बम हैं.

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भारत दूर तक गिरा सकता है एटम बम

सबसे ज्यादा परमाणु बम रखने वाले रूस के पास ही सबसे ज्यादा दूरी तक मार करने वाले भी परमाणु बम हैं. रूस 11 हजार से 15 हजार किलोमीटर की दूरी तक परमाणु बमों से हमला कर सकता है. जबकि अमेरिका के पास 9650 किलोमीटर से लेकर 13 हजार किलोमीटर की दूरी तक मार करने वाले परमाणु बम हैं. पाकिस्तान के पास भले ही भारत से दस परमाणु बम ज्यादा हैं मगर जहां तक दूरी की बात है तो पाकिस्तान 1300 किलोमीटर तक ही बम गिरा सकता है जबकि भारत की मारक क्षमता ज्यादा है. भारत दो हजार किलोमीटर दूर तक परमाणु बम बरसा सकता है यानी भारत के परमाणु बम की जद में करीब-करीब पूरा पाकिस्तान आ जाता है.

एटम बम का नया खतरा
परमाणु बमों को लेकर पहले से ही दुनिया परेशान है. अब ऊपर से उत्तर कोरिया का सनकी तानाशाह भी इस रेस में ऐसा कूद पड़ा है कि बस एक के बाद एक परीक्षण ही किए जा रहा है. आठ परमाणु बमों से लैस उत्तर कोरिया अगले तीन महीने के अंदर 25 और ऐसे बम बनाने का ऐलान कर चुका है. कुछ के तो वो बाकायदा परीक्षण भी कर चुका है.

उत्तर कोरिया का सनकी तानाशाह पांच एटम बम का पूरी कामयाबी के साथ परीक्षण कर चुका है लेकिन इसके बावजूद उसका जी नहीं भरा है. वो अगले तीन महीने में यानी साल खत्म होने से पहले-पहले 20 और एटम बम बनाना चाहता है. और खबर है कि इसके लिए उसने जरूरी यूरेनियम भी जुटा लिया है. एक एटम बम एक पूरी नस्ल मिटाने के लिए काफी है. अब जरा सोचिए 25 एटम बमों का वो क्या करेगा?

कई करार टूटने के बावजूद कर रहा परीक्षण
उत्तर कोरिया के सनकी तानाशाह किम जोंग उन ने पिछले नौ महीनों में जो हरकत की है, उसने पड़ोसी मुल्क दक्षिण कोरिया समेत पूरी दुनिया को डरा दिया है. मुल्क की सबसे ऊंची कुर्सी पर बैठे सनकी तानाशाह किम जोंग उन के ईशारे पर इस देश के साइंसदान जहां एक के बाद एक परमाणु बम बना रहे हैं, वहीं अपने न्यूक्लीयर सेंटर पर खुलेआम उनका परीक्षण भी कर रहे हैं. और ऐसा तब हो रहा है जब अमेरिका समेत तकरीबन पूरी दुनिया ने उत्तर कोरिया के साथ अपने सारे रिश्ते खत्म कर लिए हैं. और इनमें परमाणु तकनीक की अदला-बदली से लेकर दूसरे रिश्ते भी शामिल हैं. लेकिन इसके बावजूद उत्तर कोरिया ने इन बमों के परीक्षण से जहां ये साबित कर दिया है कि वो भी दुनिया के एटमी ताकत वाले मुल्कों में शामिल है, वहीं ये भी दिखा दिया है कि अपने दुश्मनों से निपटने में वो किसी दूसरे मुल्क का मोहताज नहीं.

चौंकाने वाला है नया खुलासा
लेकिन साल में सिर्फ दो परमाणु बमों का परीक्षण ही जैसे काफी नहीं था. उत्तर कोरिया को लेकर अब जो नया खुलासा हुआ है, वो और भी चौंकानेवाला है. जानकारों की मानें तो उत्तर कोरिया 20 और परमाणु बम बनाने की तैयारी कर रहा है. इस मुल्क ने इसके लिए तीन महीने का टार्गेट तय किया है. वो परमाणु बम बनाने के लिए यूरेनियम पहले ही जुटा चुका है. जबकि परमाणु बम बनाने की तकनीक उसके पास पहले से मौजूद है. ऐसे में इस पूरे उप महाद्वीप में तनाव का और बढ़ना अभी तय है.

अमेरिका दे चुका है मुंहतोड़ जवाब
वैसे उत्तर कोरिया की इन हरकतों से इस इलाके में तनाव का अंदाजा सिर्फ इसी बात से लगाया जा सकता है. दक्षिण कोरिया ने जहां इसे पहले ही उकसानेवाली कार्रवाई करार दिया है, वहीं दक्षिण कोरिया के आसमान पर अपने फाइटर जेट उड़ा कर अमेरिका ने भी उत्तर कोरिया को ये संदेश देने की कोशिश की है कि अगर वो दक्षिण कोरिया समेत दुनिया को आंखें दिखाने की कोशिश कर रहा है, तो उसे भी इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है.

पाकिस्तान कर रहा है मदद
इस बीच उत्तर कोरिया के पास मौजूद यूरेनियम को लेकर कई अंतर्राष्ट्रीय सूत्रों ने पाकिस्तान की तरफ ऊंगली उठाई है. इनका कहना है कि ये पाकिस्तान ही है जो चोरी छिपे उत्तर कोरिया को यूरेनियम की सप्लाई कर पैसे कमाने में जुटा है. और पाकिस्तान उत्तर कोरिया को यूरेनियम भी बेचे दे रहा है, जो उसने चीन से न्यूक्लीयर समझौते के तहत हासिल किए हैं. वैसे पाकिस्तान बेशक इन बातों से इनकार करे, जानकारों का दावा है कि अभी हाल के सालों में उत्तर कोरिया के कई राजनायिकों ने सिर्फ यूरेनियम हासिल करने के लिए ही पाकिस्तान का दौरा किया था.

तबाही की तरफ बढ़ रहा उत्तर कोरिया
9 अगस्त को अपने स्थापना दिवस के मौके पर इस साल के दूसरे परमाणु परीक्षण से आस-पास के इलाके में जलजला लानेवाले इस मुल्क के बाशिंदों ने भी इस परमाणु बम की खुशी में जो जश्न मनाया है, वो देखनेवाला है. देखनेवाले इसे मुल्क के सनकी तानाशाह किम जोंग उन को खुश करने की कोशिश के तौर भी देख रहे हैं. लेकिन जिस तरह उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगांग में इस दूसरे परीक्षण के बाद लाखों लोगों ने एक रैली निकाल कर अपनी खुशी का इजहार किया, उससे ये साबित हो चुका है कि उत्तर कोरिया के सनकी तानाशाह किम जोंग उन के साथ-साथ वहां के आम लोग भी किस तेजी से तबाही की ओर बढ़ रहे हैं.

मिनटों में करोड़ों की आबादी हो सकती है तबाह
बस इसी से अंदाजा लगा लीजिए कि उसकी तबाही का दायरा कैसा और कितना बड़ा होगा? बस इतना समझ लीजिए कि ऐसा बस एक हाईड्रोजन बम अगर एक करोड़ की आबादी वाले किसी बड़े शहर पर गिर जाए तो उस पूरे के पूरे शहर को शमशान बनने में एक मिनट से ज्यादा वक्त नहीं लगेगा.

इतिहास गवाह है
6 और 9 अगस्त 1945 को जापान के दो शहरों हरोशीमा और नागासाकी पर हुए परमाणु बमों के ये धमाके आज भी इतिहास के वो स्याह पन्ने हैं, जिन्हें याद करने भर से रौंगटे खड़े हो जाते हैं. तब महज दो परमाणु बमों ने जापान के इन दो शहरों में सवा दो लाख से ज्यादा लोगों की जान ले ली थी.

सबसे खतरनाक हथियार है हाईड्रोजन बम
अब जरा सोचिए, उस हाईड्रोजन बम की जो इन दो शहरों पर गिराए गए ऐसे किसी भी परमाणु बम से सौ गुना ज्यादा शक्तिशाली हैं. अगर ऐसा कोई बम किसी शहर पर गिरा दिया जाए, तो अंजाम क्या होगा? बस, इतना समझ लीजिए कि एक हाईड्रोजन बम करोड़-डेढ़ करोड़ की आबादी वाले किसी भी शहर को मिनटों में पूरी तरह से मटियामेट कर सकता है. और यही वजह है कि इस वक्त अगर दुनिया में तबाही का कोई सबसे बड़ा सामान मौजूद है, तो वो हाईड्रोजन बम ही है.

क्या है हाईड्रोजन बम?
दरअसल, ये एक किस्म का परमाणु बम ही है और इसमें हाइड्रोजन की तरह ही ड्यू टीरियम और ट्राइटिरियम जैसे तत्वों का इस्तेमाल किया जाता है. परमाणुओं के फ्यूज करने से बम में धमाका होता है और इसके लिए लगभग 5 करोड़ डिग्री सेंटीग्रेड के गर्मी की जरूरत पड़ती है. और ये गर्मी सूरज के सबसे ज्यादा गर्म हिस्से भी ज्यादा गर्म है. जब परमाणु बम ये गर्मी पैदा करता है, तब जाकर हाइड्रोजन परमाणु फ्यूज होता है और इससे जो गर्मी पैदा होती है, वो हाइड्रोजन को हीलियम में तब्दील कर देती है.

कई देश हाईड्रोजन बम से लैस
सालों पहले 1922 में वैज्ञानिकों ने हाइड्रोजन परमाणु के धमाके की ताकत का पता लगाया था. इसके बाद 1932 में ड्यूटीरियम नाम के भारी हाइड्रोजन का और 1934 में ट्राइटिरियम नाम के दूसरे भारी हाइड्रोजन का इजाद किया गया. फिर 1950 में अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रु मैन ने हाइड्रोजन बम तैयार करने का हुक्म दिया. इसके बाद साउथ कैरोलिना में एक बड़े कारखाने की शुरुआत की गई. फिलहाल अमेरिका रूस, चीन, फ्रांस समेत कई मुल्क हाईड्रोजन बम की ताकत से लैस हैं. मगर उत्तर कोरिया के सनकी तानाशाह के हाथ में इस बम का आना सचमुच दुनिया के लिए चिंता की बात है.

कई मुल्कों ने तोड़ा नाता
हथियारों की इसी सनक के चलते दुनिया के कई मुल्कों ने उत्तर कोरिया से संबंध खत्म कर लिए लेकिन किम जोंग नहीं माना. अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस जैसे देशों ने किम जोंग के इरादों को रोकने की तमाम कोशिश की लेकिन उस पर कोई फर्क नहीं पड़ा. उल्टा अब इस परीक्षण के बाद वो सीधे सीधे अमेरिका को चुनौती दे रहा है. हालांकि पिछले साल सितंबर में ही वॉशिंगटन स्थित ‘इंस्टीट्यूट फॉर साइंस एंड इंटरनेशनल सिक्युरिटी ने नॉर्थ कोरिया के यांगयोन न्यूक्लियर कॉम्प्लेक्स में खतरनाक वेपन डेवलप करने का शक जाहिर कर दिया था.

नॉर्थ कोरिया ने हाइड्रोजन बम का किया था परीक्षण
थिंक टैंक ने सैटेलाइट इमेजेस के आधार पर बताया था कि नॉर्थ कोरिया ने हाइड्रोजन बम बनाने की तकनीक बना ली है और 6 जनवरी को सचमुच नॉर्थ कोरिया ने हाइड्रोजन बम का परीक्षण कर लिया. उत्तर कोरिया का सनकी तानाशाह सिर्फ परमाणु बम ही नहीं बना रहा, बल्कि वो बाकी तमाम खतरनाक हथियार भी जमा कर रहा है. फिर चाहे वो न्यूक्लीयर मिसाइल हो या टनो वन वजनी बम. कुछ हथियार तो ऐसे हैं जिसकी रेंज दस हजार किलोमीटर तक है. ऐसे में क्या अमेरिका और क्या हिंदुस्तान, सभी उत्तर कोरिया की जद में हैं.

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